सही ही कहा गया है कि प्यार उम्र, रंग और जाती-धर्म देखकर नहीं होता। ये तो दिल है साहब एक बार जिस पर आ गया तो हमेशा उसी का होकर रह जाता है। ऐसा की एक मामला मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले के एक छोटा से गांव मगरिया से सामने आया है। जहां एक 80 साल के बुजुर्ग को 34 साल की महिला ने अपना दिल दे दिया। बुजुर्ग सोशल मीडिया पर काफी चर्चित है और अक्सर उसके रील्स वायरल होते रहेत हैं। 34 वर्षीय महिला इंस्टाग्राम पर बुजुर्ग की रिल्स देखकर ही उसे अपना दिल दे बैठी। महिला को बुजुर्ग से ऐसा प्यार हुआ कि उसने उसके साथ ही जीवन बिताने का सोच लिया। महिला को प्यार का परवान कुछ ऐसा चढ़ा की वह दुनिया-समाज और जिम्मेदारियों को छोड़ बुजुर्ग से शादी करने को तैयार हो गई। फिलहाल 80 वर्ष के दूल्हे और 34 साल की दुल्हन की यह शादी चर्चा का विषय बनी हुई है।
पत्नी की मौत के बाद अकेले पड़ गए थे बालूराम
80 वर्षीय बुजुर्ग बालूराम करीब 2 साल पहले काफी डिप्रेशन में आ गए थे। बालूराम को एक बेटा और तीन बेटियां है। सभी लोगों की शादी हो चुकी है और सब अलग-अलग रहते हैं। बालूराम की पत्नी की तबीयत अचानक खराब हो गई और उनका निधन हो गया। बालूराम पर कुछ कर्ज भी था। पत्नी की मौत, कर्ज और तनहाई ने उन्हें ऐसा तोड़ा कि वह बीमार पड़ गए और उन्होंने खटिया पकड़ ली। इसके बाद उनके जीवन में गांव का ही एक युवक विष्णु गुर्जर उनका दोस्त बना। वह किसी सूरज की रोशनी की तरह चमकते हुए उनके जीवन में आया और उन्हें उस अंधेरे से निकाल ले गया। बालूराम अपने युवा दोस्त विष्णु गुर्जर के साथ मिलकर पहले गांव में ही चाय की एक छोटी सी दुकान चलाते थे। उनकी हालत देखकर विष्णु उन्हें अपनी होटल पर ले आया और मजाक-मजाक में उसने एक रील बना ली।
रील से की जींदगी में वापसी
हंसी मजाक का यह रील गांव में चर्चा में आ गया। इसके बाद विष्णु ने बालूराम की कुछ और रिल्स बनाई। रिल्स धीरे-धीरे इतने वायरल हुए कि गांव का हर कोई व्यक्ति उनसे हंसी मजाक करने लगा। यहां तक कि आसपास के क्षेत्र में भी बुजुर्ग को लोग बालू बा के नाम से बुलाने लगे। जिसके बाद बालूराम डिप्रेशन से बाहर आ गए। अब बालूराम एक खुशमिजाज जिंदगी बिताने लगे ओर विष्णु और बालूराम दोनों सोशल मीडिया पर इतने सक्रिय हुए कि उनके हजारों फॉलोअर्स बन गए।
युवा दोस्त विष्णु गुर्जर डिप्रेशन से बाहर निकाला
बालूराम को एंड्रॉइड मोबाइल चलाने नहीं आता। इन सब में उनसे आधी उम्र का उनका दोस्त विष्णु गुर्जर ही उनकी मदद करता है। विष्णु ही उनके साथ वीडियो बनाकर उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है। पत्नी के गुजर जाने के बाद बालूराम सोशल मीडिया पर ज्यादातर समय बितान लगे। इसी दौरान सोशल मीडिया पर उनकी मुलाकात उनसे आधी उम्र की महाराष्ट्र के अमरावती में रहने वाली शीला इंगले से हुई। दोनों में बातें होने लगी, बातों के दौरान बालूराम अपने दोस्त विष्णु को बताते और विष्णु वहीं बात लिखता जाता जो वह कहते। बातों ही बातों में शीला और बालूराम दोनों के विचारों के साथ-साथ मन भी मिलने लगे। दोनों की बातें प्यार में तब्दील हो गई।
सोशल मीडिया पर दोस्ती फिर की शादी
प्यार का परवान कुछ इस कदर चढ़ा की महाराष्ट्र से करीब 600 किलोमीटर दूर चलकर शीला बालूराम के पास पहुंची। दोनों ने 1 अप्रैल सोमवार को पहले सुसनेर पहुंचकर कोर्ट मैरिज की फिर न्यायालय परिसर में ही स्थित मन्दिर में एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर हिन्दू रीति रिवाज से शादी रचाई और जिंदगी भर साथ रहने की कसमें भी खाई है। दोनों अपनी शादी से बहुत खुश है, साथ ही इन दोनों को मिलवाने वाले विष्णु गुर्जर भी इस प्रेम कहानी से बहुत खुश है।
(आगर मालवा से राम यादव की रिपोर्ट)
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