नई दिल्ली: दुनिया में तमाम तरह के लोग होते हैं लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जिनके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाते हैं, उनकी सोच जानकर आश्चर्य होता है कि वो 21वीं सदी में भी ऐसी सोच रखते हैं। हुआ कुछ ऐसा कि एक पंडित अमित शुक्ल नाम के शख्स हैं। इनका ट्विटर हैंडल है @NaMo_SARKAAR। इनके प्रोफाइल की माने तो ये बड़ी कंपनी में कार्यरत हैं और MBA किया है इन्होंने। अब इन्होंने फूड डिलीवरी एप Zomato से को ट्वीट किया है, ट्वीट में इन्होंने लिखा है कि अभी-अभी एक खाना पहुंचाने वाले 'नॉन हिंदू राइडर' की वजह से इन्होंने ऑर्डर कैंसिल किया है।
इनके ट्वीट से हमें पता चला कि राइडर के भी प्रकार होते हैं, वो हिंदू राइडर, नॉन हिंदू राइडर के रूप में पाए जाते हैं। खैर इन्होंने आगे लिखा है कि मुझे रिफंड नहीं चाहिए, और आप मुझे जबरदस्ती डिलीवरी लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं, मुझे बस ऑर्डर कैंसिल करना है। Zomato ने तो वैसे भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ऐसे लोग बिठा रखे हैं जो अक्सर अपने मजेदार ट्वीट्स के लिए चर्चा में रहते हैं। इस बार जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने उस यूजर को ऐसा रिप्लाई किया कि अब हर कोई वाहवाही कर रहा है।
Zomato ने लिखा है कि- खाने का कोई धर्म नहीं होता है वो अपने आप में एक धर्म है।
अमित ने सिर्फ एक ट्वीट नहीं किए थे बल्कि एक के बाद एक कई ट्वीट किए और बताया कि जोमोटो हमें उन लोगों से खाना लेने पर मजबूर कर रही है जिनसे हम नहीं चाहते हैं। एप डिलीट कर रहा हूं, इस बारे में अपने वकील से भी बात करूंगा।
दरअसल ये जो नॉन-हिंदू राइडर लिख रहे हैं इससे इनका मतलब क्या था ये इस चैट से पता चला। यहां वो बता रहे हैं कि सावन चल रहा है इस वजह से वो मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय से ऑर्डर नहीं लेंगे।
ऐसा पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले कैब ड्राइवर्स के धर्म पर भी कैब कैंसिल करने का मामला सामने आया है। ऐसी फालतू की बातें लोग कैसे सोच सकते हैं। अमित जी क्या इस बात का जवाब देंगे कि वो जिस रेस्टोरेंट से खाना मंगा रहे हैं वो किसी मुस्लिम का हुआ तो? जिस कुक ने खाना बनाया वो मुस्लिम हुआ तो? आप कब तक और कहां तक बचेंगे। जरूरत आपको विचार बदलने की है राइडर बदलने की नहीं। शुक्रिया।