एक झूठ को छिपाने के लिए इंसान को कितने झूठ बोलने पड़ते हैं। झूठ और वो भी जीवनसाथी से, ऊपर से बच्चों को लेकर बोला गया झूठ कितना गलत होता है, ये साबित हो गया। एक ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया जब एक पत्नी पर उसके पति ने बच्चों की डिलीवरी के झूठ का आरोप लगाया।
मामला रूस के स्टार्वपूल शहर का है। यहां एक औरत ने अपने पति से लॉकडाउन के दौरान झूठ कहा कि वो जुड़वां बच्चों की मां बनने वाली है। पूरे नौ महीने वो पति को बेवकूफ बनाती रही। यहां तक कि महिला ने पति से जुड़वां बच्चों के पैदा होने का भी झूठ बोला। इतना ही नहीं अपने झूठ को छिपाने के लिए इसने कहा कि बच्चे पैदा होते ही मर गए। इसने बच्चों की जगह दो डॉल्स को दफनाने की कोशिश की, और इस चक्कर में इस महिला के झूठ के पुलिंदों की पोल खुल गई।
Viral: बच्चे की जान बचाने के लिए मौत का निवाला बन गई मां, Video देख आंसुओं को रोकना होगा मुश्किल
स्टार्वपूल शहर में 31 साल की लौरा डाउडोव ने लॉकडाउन के दौरान पति दाउद से कहा कि वो मां बनने वाली है। परिवार काफी खुश हो गया। उसका ध्यान रखा जाने लगा। लेकिन लौरा मां नहीं बनने वाली थी। उसने झूठा बेबी बंप भी दिखाया। जब डिलीवरी का समय आया तो लौरा ने परिवार से कहा कि लॉकडाउन के नियमों के अनुसार उसकी डिलीवरी के वक्त उसके साथ कोई नहीं रह सकता। उसकी डिलीवरी सामान्य नहीं बल्कि सिजेरियन होगी। लौरा ने डिलीवरी के बाद अस्पताल के पास ही एक फ्लेट लिया था जिसमें वो बच्चो के साथ कुछ समय के लिए रहने वाली थी क्योंकि परिवार के साथ रहने पर दूसरे लोगों को कोरोना होने का डर लौरा ने ही दिखाया था। घर में बच्चों के आने की खबर से परिवार के लोग इतने खुश थे कि वो लौरा की सभी बातें मानते गए।
फिर वो दिन आया जब लौरी की कथित सर्जरी होनी थी। लौरा ने फोन पर घरवालों को झूठी डिलीवरी की खबर दी और कहा कि जुड़वां बच्चे पैदा हुए लेकिन वो मर गए।
Viral: 'नकली बेबी बंप' लगाकर प्रेमी के परिवार तक जा पहुंची लड़की, फिर जो हुआ..
परिवार के लोग सदमें में थे। उन्होंने लौरा को परेशान समझ कर ज्यादा पूछताछ करना जरूरी नहीं समझा। बच्चों को दफनाने के लिए एक कब्रिस्तान में सब एकत्र हुए। दो बच्चों को सफेद कफन में लिपटाया गया था। लोग इन बच्चों को दफनाने की तैयारी ही कर रहे थे कि लौरा के पति ने आखिरी बार बच्चों को देखने की ख्वाहिश में कफन हटाकर उनका चेहरा देखने की कोशिश की।
बस यही वो पल था जब लौरा के झूठ का पुलिंदा ढह गया। पति ने देखा कि सफेद कपड़े में बच्चा तो था लेकिन उसकी आंखें नहीं थी। उसे विश्वास नहीं हुआ, उसने फिर से देखा,उसने पाया कि ये तो एक गुड़िया है। उसने तुरंत दूसरे बच्चे का कपड़ा हटाकर देखा तो वो भी एक गुड़िया थी।
पति और परिवार के लोग सदमे में आ गए, लौरा से पूछताछ हुई लेकिन वो कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं थी।
तब पति दाउद ने अस्पताल और पुलिस में शिकायत की। उसका ये मानना था कि बच्चे अस्पताल ने बदल दिए हैं। उसके बच्चे जिंदा है और अस्पताल वालों ने उसके बच्चों को बेच दिया है और उनकी जगह पर गुड़िया रख दी हैं।
2 इंच काटी जा चुकी है तीन साल के बच्चे की जीभ, फिर भी बढ़ती जा रही है, जानिए क्या है बीमारी
लेकिन अस्पताल पहुंचने पर सबके होश उड़ गए जब अस्पताल ने कहा कि लौरा की कोई डिलीवरी नहीं हुई। उसने किसी बच्चे को जन्म ही नहीं दिया,यहां तक कि वो प्रेग्नेंट भी नहीं थी। तब लौरा से पूछताछ हुई तो वो टूट गई। उसने कहा कि उसने प्रपंच रचा था ताकि परिवार उसे ज्यादा प्यार करे। वो अपने पति को जुड़वां बच्चे देना चाहती थी लेकिन बच्चे नहीं हो रहे थे इसलिए उसने ये नाटक रचा।
लौरा के पति का कहना है कि उसे कभी भी ये नहीं लगा कि लौरा झूठ बोल रही है। उसने लौरा का बेबी बंप भी देखना लेकिन ये नहीं लगा कि वे नकली प्रेग्नेंसी है। फिलहाल लौरा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज है और मामले की सुनवाई चल रही है।