रेलवे ने खाने-पीने को लेकर यात्रियों की तरफ से मिल रही शिकायतों को देखते हुए कुछ दिनों पहले 'नो पेमेंट, नो कैश' की योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत यात्रियों को फायदा तो हुआ, लेकिन हाल ही में इस योजना का गलत इस्तेमाल करने की खबर भी सामने आई। इस पूरे मामले को जानने के बाद आप भी पूरी तरह दंग रह जाएंगे।
दरअसल, एक शख्स सुरेंद्र पाल सिंह ने रेलवे के खाने में छिपकली निकलने का दावा किया था, लेकिन असलियत यह है कि उन्होंने मुफ्त में खाना पाने के चक्कर में छिपकली जैसी दिखने वाली छोटी मछली को खाने में रख दिया। उन्हें लगा कि ऐसा करने से वेंडर उन्हें पैसा वापस कर देगा।
जानकारी के मुताबिक, एक वरिष्ठ विभागीय वाणिज्यिक प्रबंधक (डीसीएम) ने इस मामले से जुड़ी दो घटनाओं में समानता पाई और रेलवे उपमंडल को सतर्क किया। दरअसल, एक ही व्यक्ति ने इससे पहले समोसे और बिरयानी में भी छिपकली मिलने की शिकायत की। ऐसे में शक होने पर वरिष्ठ डीसीएम को जानकारी दी। 70 साल के शख्स ने फ्री के खाने के लिए ऐसी चाल चली थी और वह काफी समय से ऐसा कर रहा था।
एक अधिकारी ने बताया कि जब सुरेंद्र से पूछताछ की गई तो उसने सब कुछ सच-सच बता दिया। हालांकि, खुद को फंसता देख सुरेंद्र ने अपने आप को मानसिक रोगी भी बताया। यह तक कह दिया कि उसे ब्लड कैंसर है और रेलवे अधिकारियों से बहस करने लगा।
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