समय का पहिया जब भी बदलता है तो अपने साथ कुछ दे जाता है तो कुछ आपसे छीनकर ले जाता है। ऐसा ही हाल अमिताभ बच्चन के शो कौन बनेगा करोड़पति के 5वें सीजन के विजेता सुशील कुमार के साथ हुआ। सुशील ने साल 2011 में 'केबीसी सीजन 5' जीता था। इस शो के बाद सुशील रातोंरात ही स्टार बन गए थे। लेकिन आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि केबीसी शो जीतने के कुछ वक्त बाद ही सुशील का करीब एक साल कंगाली भरा गुजरा। इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद केबीसी शो के विजेता रह चुके सुशील ने फेसबुक पर किया।
सुशील ने फेसबुक पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट में सुशील ने कहा कि KBC जीतने के बाद कुछ साल तो बेहतरीन गुजरे लेकिन साल 2015 से 2016 तंग हाली में गुजरा। केबीसी शो जीतने के बाद तो कुछ साल शान से बीते लेकिन फिर सुशील को दान का चस्का लग गया और हजारों रुपये इसी में लगा दिया करते थे। किसी भी काम को लेकर उस वक्त सीरियस नहीं थे जिसका नतीजा ये होता था कि बिजनेस डूब जाया करता था। उसके बाद वक्त ने ऐसी करवट बदली की अचानक सब कुछ बदल गया। यानी कि फर्श से उठकर अर्श तक पहुंचा और फिर फर्श पर आ पहुंचा।
सुशील ने बताया इस खराब वक्त में ना तो उनके परिवार से रिश्ते अच्छे थे और ना ही उनके पास करने को कोई काम था। हालात इतने बुरे हो गए थे कि वो लोग उनसे कन्नी काटने लगे थे। सुशील ने इस पोस्ट में लिखा- 'एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार महोदय का फोन आया और कुछ देर तक मैंने ठीक ठाक बात की बाद में उन्होंने कुछ ऐसा पूछा जिससे मुझे चिढ़ हो गई। मैंने कह दिया कि मेरे सभी पैसे खत्म हो गए और दो गाय पाले हुए हैं उसी का दूध बेंचकर गुजारा करते हैं। उसके बाद जो उस न्यूज का असर हुआ उससे आप सभी तो वाकिफ होंगे ही।उस खबर ने अपना असर दिखाया जितने चालू टाइप के लोग थे वे अब कन्नी काटने लगे मुझे लोगों ने अब कार्यक्रमो में बुलाना बंद कर दिया और तब मुझे समय मिला की अब मुझे क्या करना चाहिए।'
सुशील ने कहा कि जब मैं मुंबई से वापस अपने घर आया तो मुझे समझ आया कि मुझे क्या करना चाहिए। सुशील ने इसका जिक्र करते हुए पोस्ट में लिखा- 'मैं मुम्बई से घर आ गया और टीचर की तैयारी की और पास भी हो गया। साथ ही अब पर्यावरण से संबंधित बहुत सारे कार्य करता हूं जिसके कारण मुझे एक अजीब तरह की शांति का एहसास होता है। अंतिम बार मैंने शराब मार्च 2016 में पी थी उसके बाद पिछले साल सिगरेट भी खुद छूट गई।'
सुशील ने आगे लिखा- 'अब तो जीवन मे हमेशा एक नया उत्साह महसूस होता है और बस ईश्वर से प्रार्थना है कि जीवन भर मुझे ऐसे ही पर्यावरण की सेवा करने का मौका मिलता रहे इसी में मुझे जीवन का सच्चा आनंद मिलता है। बस यही सोचते हैं कि जीवन की जरूरतें जितनी कम हो सके रखनी चाहिए बस इतना ही कमाना है कि जो जरूरतें वो पूरी हो जाये। बाकी बचे समय में पर्यावरण के लिए ऐसे ही छोटे स्तर पर कुछ कुछ करते रहना है।'