कहते हैं कि जब आखिरी वक्त आता है तो इंसान मजबूर हो जाता है। ऐसे में अंतिम सांसे गिन रहे किसी भी प्राणी को पानी पिलाना एक पुण्य का काम माना जाता है। जिस तरह इंसानों का आखिरी वक्त आता है, उसी तरह जानवरों का भी आखिरी समय आता है और वो भी वही चाहते हैं जो इंसान चाहते हैं। इसी पुण्य की कहानी को बता रहा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे देखकर लोग भावुक हो रहे हैं।
इस वीडियो को भारतीय वन सेवा में कार्यरत प्रवीण अंगुसेमी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। वीडियो सुंदरबन टाइगर रिजर्व का है और यहां 11 साल का एक बाघ भोजन न मिलने की वजह से कमजोरी से मर गया। उसके मरने से पहले जब वो कराह रहा था तो टाइगर रिजर्व के रेंजरों ने मानवीयता दिखाते हुए अपनी जान संकट में डालकर भी उसे पानी पिलाया और खाना खिलाया। इसके बाद हालांकि बाघ तो नहीं बचाया जा सका लेकिन रेंजरों का ये काम लोगों की नजरों में काफी सराहा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बाघ बूढ़ा हो गया था और यास तूफान के कारण उसे भोजन भी नहीं मिल पा रहा था, ऐसे में वो उठ भी नहीं पा रहा था। तब फारेस्ट विभाग के रेंजर खतरा होने के बावजूद उसके पास गए और अपने हाथों से उसे पानी पिलाया। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक रेंजर अंजुरी बनाकर बाघ के मुंह में पानी डाल रहा है।
जब बाघ को देखा गया तो वो अंतिम सांसे ले रहा था और ऐसे में उसे पानी पिलाया गया। हालांकि कुछ लोगों ने सवाल उठाया है कि जानवरों के लिए अस्पताल हैं तो बाघ को अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया।
कुछ लोगों ने बाघ की ऐसी दशा पर भी दुख व्यक्त किया है। एक यूजर ने लिखा है कि बाघ को इस हालत में देखकर दिल टूट गया। प्रकृति कभी कभी क्रूर हो जाती है।