सुंदर दिखना दुनिया में हर किसी की चाह रहती है। खूबसूरत लोग आंखों को अच्छे लगते हैं इसलिए लोग सुंदर दिखने के लिए लाखों जतन करते हैं। कोई मेकअप करता है तो कोई गोरा होने की क्रीम लगानी शुरू कर देता है। पैसे वाले लोग चेहरे की कमियां छिपाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करवाते हैं।
हालांकि सुंदर दिखने की कोशिश करना गलत नहीं है लेकिन यही कोशिश अगर सनक बन जाए तो इंसान को पागल बना डालती है। सुंदर दिखने की सनक और गुड़िया जैसा दिखने के लिए 16 साल की एक लड़की ने 100 प्लास्टिक सर्जरी करवा डाली है। गजब इस बात का है, ये लड़की अभी भी अपने चेहरे से संतुष्ट नहीं है और अगली सर्जरी की तैयारी कर रही है।
बात हो रही है चीन की 16 साल की लड़की झोउ चुन की। झोउ चुन के पिता बिजनेसमैन है और ये सामान्य नैन नक्श वाली लड़की थी। झोऊ जब 13 साल की थी तब उसने फैसला किया कि उसे सुंदर लगना है, गोरा होना है। फिर क्या था, इस लड़की ने अपने पिता की मदद से अपनी प्लास्टिक सर्जरी करवानी शुरू कर दी।
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झोऊ ने सबसे पहले नाक की, फिर होठों की, फिर आंखों की, कानों की और ब्रेस्ट सर्जरी करवाई। बार्बी डॉल जैसा दिखने के लिए झोऊ अब तक सौ सर्जरी करवा चुकी है, उसकी शक्ल बिलकुल बदल चुकी है, उसे देखकर लोग पहचान नहीं पाते। लेकिन झोऊ को अब भी अपने चेहरे में कमी लगती है, वो फिर एक सर्जरी करवाना चाहती है।
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कमजोर हो गई आंखे, खोने लगी याद्दाश्त
चाइनीज न्यूज1 के मुताबिक झोऊ को इन प्लास्टिक सर्जरी का खामियाजा भी उठाना पड़ रहा है। मात्र 16 साल की उम्र में उसकी नजर धुंधली पड़ रही है, उसे कानों से कम सुनाई दे रहा है और मेमोरी भी कम होती जा रही है। ये सब लगातार सर्जरी करवाने का साइड इफेक्ट है। लेकिन झोऊ को इससे फर्क नहीं पडता। वो बस गुडिया जैसा दिखना चाहती है। आखिर क्यों वो अपनी जिंदगी को इतने रिस्क में डालकर सुंदर दिखना चाह रही है। इसके पीछे भी एक कड़वा सच है।
आखिर क्यों गुड़िया बनना चाहती है लड़की, जानिए कड़वी सच्चाई
झोऊ को आप पागल कहें या सनकी। लेकिन उसकी बातें आपका दिमाग खोल देंगी। झोऊ ने जो कहा वो समाज की वो कड़वी सच्चाई है जिसे सामान्य चेहरे और कदकाठी वाले लोग रोज झेलते हैं। झोऊ ने कहा कि पहले उसकी नाक मोटी और आंखें छोटी थी। वो सुंदर नहीं दिखती थी। तब उसकी क्लास में उसके साथ भेदभाव किया जाता था। उसे क्लास की सफाई मुश्किल काम दिया जाता था जबकि क्लास की खूबसूरत लड़कियों को आसान काम दिए जाते थे।
झोऊ इस भेदभाव से तंग आ गई। लगातार नकारे जाने और भेदभाव से तंग होकर उसने फैसला किया कि वो भी खूबसूरत बनेगी ताकि उसे आसान काम दिए जाएं और उसे नकारा न जाए।
लाखों लोग रोज झेलते हैं ये यातना भरा भेदभाव
झोऊ की इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि समाज में गोरा और सुंदर दिखने वालों की ज्यादा पूछ होती है। आप विज्ञापनों को देख लीजिए, गोरा बनने की इतनी चाहत पैदा कर देते हैं कि सांवले लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं। एक तरफ जहां दुनिया रंगभेद से जूझ रही है वहीं खूबसूरती के अजोबीगरीब पैमाने लोगों को परेशान कर रहे हैं। झोऊ जैसे लाखों लोग होंगे जो अपने सामान्य चेहरे की बदौलत भेदभाव झेलते होंगे। झोऊ के पास पैसा था, वो सुंदर बन सकती है लेकिन उन लाखों लोगों को क्या होगा जो ऐसे भेदभाव से रोज जूझते हैं, रोज परेशान होते हैं।