प्रधानमंत्री मोदी को घेरने के लिए एक तरफ तो लगातार विपक्षी एकता की बात हो रही है। दूसरी तरफ मोर्चे भी बन रहे हैं। हर मोर्चे पर अलग अलग मोर्चा बन रहा है। ईडी, सीबीआई से मुकाबले के मोर्चे पर अलग मोर्चा है। अडानी के मुद्दे पर अलग मोर्चा है। राहुल के विलायत में दिए भाषण पर अलग मोर्चा है।