आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार सूरज छिपने और रात्रि के प्रथम प्रहर को प्रदोष काल कहा जाता है | इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है | साथ ही जो व्यक्ति आज भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ प्रदोष व्रत करता है, उसे जीवन में वैभव और सभी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।