गाजीपुरः महिलाओं के सम्मान को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार लगातार दावा करती है कि उन्हें उनका हक मिल रहा है लेकिन यूपी के गाजीपुर में इसकी जमीनी सच्चाई सामने आई है। पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को उनका हक कितना मिल रहा है उसका जीता जागता उदाहरण गाजीपुर में जिला पंचायत की मीटिंग में देखने को मिला। बैठक में महिला सीट से चुनीं गई सदस्यों के स्थान पर महिलाओं के पति, बेटे और यहां तक कि उनके रिश्तेदार शामिल हो रहे हैं। आरक्षण के तहत महिलाएं जिला पंचायत सदस्य तो बन गईं लेकिन कार्यभार उनके परिजन या रिश्तेदार देख रहे हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष खुद महिला लेकिन महिलाओं को हक नहीं दिला पा रहीं
मिली जानकारी के अनुसार, गाजीपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष खुद महिला हैं लेकिन इस महिला के सदन में जिला पंचायत सदस्य महिला आज भी अपना हक नहीं पा सकी हैं। महिला सदस्यों की जगह पर उनके पति, बेटे और अन्य रिश्तेदार शामिल हो रहे हैं। इसका नजारा दो दिन पूर्व जिला पंचायत की बैठक में उस समय देखने को मिला जब कई महिला जिला पंचायत की जगह पर उनके बेटे पति और रिश्तेदारों ने सदन में सवाल उठाए।
रिश्तेदार महिलाओं के हक पर डाल रहे डाका
ऐसे में सवाल उठता है कि लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास कर देने से क्या महिलाओं को सम्मान मिल पाएगा या फिर पुरुष प्रधान समाज आज भी महिलाओं पर भारी रहेगा। साथ ही साथ प्रशासन जो सबको न्याय दिलाने की बात करता है और इस प्रशासनिक अधिकारियों के आंखों के सामने महिलाओं के आरक्षण पर डाका डालकर आज भी उनके रिश्तेदार अपना हक जाता रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन महिलाओं के सम्मान को लेकर कितना तत्पर है यह भी एक बड़ा सवाल है।
(रिपोर्ट-अनिल कुमार)