लखनऊ: प्राकृतिक आपदा की मार से जूझ रहे किसानों के लिए योगी सरकार संकट मोचक बनी है। योगी सरकार ओलावृष्टि व बारिश के कारण सरसों, मटर, मसूर, गेहूं, चना आदि फसलों के नुकसान का लगातार सर्वे करा रही है। 19 से 28 फरवरी तक के बीच छह जनपदों के लगभग 150 से अधिक गांवों में 33 फीसदी से अधिक फसलों की क्षति का आकलन किया गया है। इसमें बांदा जनपद के पैलानी तहसील के 13 गांवों में 45 फीसदी से अधिक व बबेरू तहसील के तीन गांवों में काफी अधिक क्षति की जानकारी प्राप्त हुई है। इस अवधि (19 से 28 फरवरी) की बारिश के बाद भी होने वाले नुकसान का योगी सरकार आकलन करा रही है। योगी सरकार ने रिपोर्ट के बाद किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।
छह जनपदों में 150 से अधिक गांवों का हुआ आकलन
निरंतर हो रही बारिश व ओलावृष्टि से निरंतर किसानों की फसलों का नुकसान हो रहा है। इस नुकसान के लगातार बढ़ने की भी संभावना बनी हुई है। योगी सरकार इस परिस्थिति में अन्नदाता किसानों के साथ खड़ी है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण सरसो, मटर, मसूर, गेहूं, चना आदि की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। 19 से 28 फरवरी तक के जारी आंकड़ों के मुताबिक बांदा जनपद के पैलानी तहसील के 13 गांवों में 45 फीसदी से अधिक व बबेरू तहसील के तीन गांवों में 33 प्रतिशत से अधिक की क्षति का आकलन हुआ है।
फतेहपुर, हमीरपुर, जालौन, कानपुर के किसानों पर भी मार
राहत आयुक्त जीएस नवीन के मुताबिक फतेहपुर के बिंदकी तहसील के लगभग 10 गांवों में 33 फीसदी से अधिक गेहूं व सरसो की क्षति हुई है। हमीरपुर तहसील के 51 गांवों में गेहूं, सरसो, चना, मटर आदि की फसलों के नुकसान का आकलन किया गया है। वहीं जालौन में भी इन फसलों से जालौन, उरई व कालपी के गांवों में 33 फीसदी से अधिक नुकसान दर्शाया गया है। कानपुर देहात के रसूलाबाद के लगभग 23 और कानपुर नगर के बिल्हौर तहसील के 27 गांवों में 33 फीसदी से अधिक नुकसान का आकलन किया गया है।