लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर एक्शन पर ब्रेक लगाने और देशभर के लिए गाइडलाइन जारी किए जाने के फैसले का यूपी की योगी सरकार ने स्वागत किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार का कहना है कि सुशासन की पहली शर्त होती है क़ानून का राज। इस दृष्टि से माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आज दिया गया फ़ैसला स्वागत योग्य है। इस फैसले से अपराधियों के मन में कानून का भय होगा। साथ ही माफ़िया प्रवृति के तत्वों और संगठित पेशेवर अपराधियों पर लगाम कसने में आसानी होगी।
कानून का राज सब पर लागू
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार का कहना है कि कानून का राज सब पर लागू होता है। हालांकि यह आदेश दिल्ली के संदर्भ में था, उत्तर प्रदेश सरकार इसमें पार्टी नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिन्द बनाम उत्तरी दिल्ली नगर निगम व अन्य से संबंधित मामले में यह फैसला सुनाया है।
कारण बताओ नोटिस दिए बिना एक्शन नहीं
इससे पहले आज सुप्रीम कोर्ट ने ‘बुलडोजर न्याय’ की तुलना अराजकता की स्थिति से की और देशभर के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए कहा कि कारण बताओ नोटिस दिए बिना किसी भी संपत्ति बुलडोजर नहीं चलाया जाए। साथ ही प्रभावितों को जवाब देने के लिए 15 दिन का वक्त दिया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि प्राधिकारी उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नागरिकों की संपत्ति को ध्वस्त करके उन्हें दंडित नहीं कर सकते।
ऐसी ज्यादतियों से सख्ती से निपटने की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ज्यादतियों को ‘‘मनमाना’’ करार दिया और कहा कि इससे सख्ती से निपटे जाने की जरूरत है। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने एक इमारत को बुलडोजर से ध्वस्त करने और महिलाओं, बच्चों तथा वृद्ध व्यक्तियों को रातों-रात बेघर कर देने के दृश्य को ‘‘भयावह’’ करार दिया।