Friday, June 28, 2024
Advertisement

पेपर लीक से बचने के लिए योगी सरकार ने बनाया फुल प्रूफ प्लान, जारी किया नया आदेश

आए दिन पेपर लीक और परीक्षाएं रद्द होने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में ये मुद्दा सरकार के लिए बड़ा संकट बनता जा रहा है। वहीं युवा भी इस वजह से काफी परेशान नजर आ रहे हैं। इन सबसे बचने के लिए योगी सरकार ने नया आदेश जारी किया है।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Amar Deep Updated on: June 22, 2024 6:18 IST
पेपर लीक से बचने के लिए योगी सरकार ने बनाया प्लान।- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE पेपर लीक से बचने के लिए योगी सरकार ने बनाया प्लान।

लखनऊ: यूपी में करीब 56 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। इस आबादी के लिए पेपर लीक सबसे बड़ा मुद्दा है। युवा लगातार पेपर लीक पर लगाम लगाने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में अब यूपी की योगी सरकार ने पेपर लीक पर लगाम लगाने का फुल प्रुफ प्लान बना लिया है। इसके तहत पेपर लीक जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। योगी सरकार की नई प्लानिंग के मुताबिक किसी भी परीक्षा की जिम्मेदारी चार एजेंसियों के पास होगी। वहीं डीएम की अध्यक्षता में सेंटर का चयन किया जाएगा। 

प्रिंटिंग प्रेस पर 24X7 होगी निगरानी

प्रिटिंग प्रेस के चयन में भी गोपनियता बरती जाएगी। वहीं प्रिटिंग प्रेस की CCTV कैमरों से निगरानी की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो सके। प्रिंटिंग प्रेस में आने जाने वाले हर शख्स की जांच की जाएगी। जो भी प्रेस में जाएगा उसके पास कंपनी का आईडी कार्ड होना अनिवार्य होगा। किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रेस में जाने की इजाजत नहीं होगी। प्रिंटिंग प्रेस में स्मार्टफोन और कैमरा ले जाना पूरी तरीके से बैन होगा। इतना ही नहीं प्रिटिंग प्रेस को 24X7 सर्विंलास पर रखा जाएगा। प्रेस की 24X7 CCTV की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा CCTV की रिकॉर्डिंग को 1 साल तक सुरक्षित रखा जाएगा। 

चार एजेंसियों के जिम्मे होगी परीक्षा

बता दें कि नए आदेश के अनुसार यूपी में भर्ती परीक्षा 4 अलग-अलग ऐजेंसियों की मदद से होगी। परीक्षार्थी को अपने गृह मंडल के बाहर परीक्षा देने जाना होगा। 4 लाख से अधिक परीक्षार्थी होने पर दो चरणों में परीक्षा होगी। हर पाली में 2 या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए। प्रत्येक सेट के प्रश्न पत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी के माध्यम से होगी। पीसीएस परीक्षा को एक ही पाली में करने की छूट रहेगी। रिजल्ट बनाने में धांधली को रोकने के लिए आयोग और बोर्ड में ही ओएमआर शीट की स्कैनिंग कराई जाएगी। OMR सीट की तीन सेंट होंगे। मूल प्रति आयोग और बोर्ड के पास दूसरी कॉपी कोषागार और तीसरी कॉपी अभ्यर्थी को दी जाएगी। सीएम योगी ने ये सारी जिम्मेदारी अलग-अलग ऐजेंसी को दी है। काम को अलग-अलग बांटा गया है, ताकि पेपर माफिया कहीं भी सेंटिंग का खेल ना खेल सकें।

चारों एजेंसियों का क्या होगा काम

एजेंसी A- इसका काम प्रश्नपत्र तैयार करवाना, छपवाना और सभी जिलों में कोषागार तक पहुंचाना।

एजेंसी B-  इसकी जिम्मेदारी एग्जाम कंडक्ट करवाने की। कोषागार से पेपर सेंटर तक पहुंचाने की। परीक्षा केंद्र की व्यवस्था और OMR शीट को बोर्ड और आयोग तक पहुंचाने की होगी। 

एजेंसी C- परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी तीसरी एजेंसी की होगी। इसमें फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी से निगरानी और कंट्रोल रुम की व्यवस्था करना होगा।

एजेंसी D- इसका काम ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग व बोर्ड परिसर में ही कराकर परीक्षा का स्कोर चयन संस्था को उपलब्ध करवाने का होगा। 

प्रश्न पत्र में गोपनीय कोड का होगा प्रयोग

इतना ही नहीं पेपर लीक से बचने के लिए योगी सरकार ने प्रश्न पत्र में गोपनीय कोड का भी प्रयोग करने का प्लान बनाया है। क्वेश्चन पेपर के हर पन्ने पर सीक्रेट सिक्योरिटी साइन होगा, जैसे- यूनिक बारकोड या क्यूआरकोड या फिर यूनिक सिरियल नंबर। इन कोड की मदद से जरूरत पर उसकी सीरीज के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। 

डीएम के पास होगी सेंटर बनाने की जिम्मेदारी

क्वेश्चन पेपर लाने व ले जाने के बक्से की टेंपर प्रूफ मल्टी लेयर पैकेजिंग हो। क्वेश्चन पेपर सेटिंग के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक द्वारा प्रश्न पत्र छापने वाली एजेंसी का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। योगी सरकार ने सेंटर चुनने की जिम्मेदारी अब सीधे डीएम को सौंप दी है। डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर सेंटर का सेलेक्शन होगा। मतलब सेंटर पर गड़बड़ी हुई तो फिर जिम्मेदारी डीएम की होगी। सेंटर का सेलेक्शन CLASS-1 और CLASS-2 के हिसाब से होगा। इसके अलावा जो स्कूल या कॉलेज विवाद में रह चुके हैं या जहां कभी गड़बड़ी हो चुकी है, वहां एग्जाम नहीं होगा। उन सारे संस्थानों को ब्लैक लिस्ट में ही रखा जाएगा। 

दो तरह के होंगे परीक्षा सेंटर

CLASS-1 में राजकीय इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, राज्य एवं केंद्र के विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज को रखा गया है। इन्हें प्रायोरिटी में रखा जाएगा। 

CLASS-2 में उन स्कूलों को चयन किया जाएगा । जिनकी रेपुटेशन अच्छी हो, सेंटर पर छात्रों के लिए फेसिलिटी अवेलेबल हो। 

कैसे सेलेक्ट होगा सेंटर

योगी सरकार ने सेंटर सेलेक्शन का भी क्राइटेरिया तय कर दिया है। इसके अनुसार एग्जाम सेंटर को 3 साल परीक्षा करने का अनुभव होना जरूरी है। परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी चालू अवस्था में होना अनिवार्य है। परीक्षा शुरू होने से लेकर परीक्षा के खत्म होने तक CCTV ऑन रहेगा। इसके लिए लाइट के साथ-साथ जेनरेटर की व्यवस्था भी की जाएगी। परीक्षा केंद्र के बिल्डिंग में बॉउंड्रीवॉल होना अनिवार्य होगा। 

यह भी पढ़ें- 

सम्राट चौधरी इस तारीख को अयोध्या में उतारेंगे पगड़ी, मुंडन भी करवाएंगे, जानें वजह

पवन कल्याण से चुनाव हारने के बाद YSRCP नेता ने बदला नाम, चुनाव में हराने की दी थी चुनौती

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें उत्तर प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement