Saturday, November 16, 2024
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हो रहे फर्जीवाड़े से सतर्क हुई योगी सरकार, अब लिया ये बड़ा फैसला

बलिया में 25 जनवरी को एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान करीब 537 शादियां हुई थीं जिनमें से 240 शादियों में गड़बड़ियां पायी गयी थीं। इस मामले में अभी तक 16 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी हैं।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: February 11, 2024 14:10 IST
Uttar Pradesh, Yogi Adityanath, CM Yogi - India TV Hindi
Image Source : FILE मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की बहुचर्चित योजना पिछले कुछ समय से सुर्ख़ियों में बनी हुई है। इसमें कई तरह के फर्जीवाड़े की ख़बरें सामने आ रही थीं। वहीं बलिया जिले में इस योजना के एक कांड ने तो कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे। इस कांड में प्रशासन से लेकर सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने योजना में बड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों के तहत प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अंतर्गत होने वाले किसी भी आयोजन में अब 100 से अधिक शादियां नहीं हो सकेंगी। 

विवाह का पंजीकरण अब कार्यक्रम स्थल पर ही किया जाएगा

उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि हर विवाह का पंजीकरण अब कार्यक्रम स्थल पर ही किया जाएगा और फोटो युक्त विवाह प्रमाणपत्र भी तुरंत जारी किया जाएगा। राज्य सरकार ने ये कदम बलिया जिले में एक सामूहिक विवाह समारोह में हुई धोखाधड़ी के हालिया मामले के मद्देनजर उठाए हैं, जहां 240 अपात्र लोगों ने ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ का लाभ प्राप्त करने के लिए अपना पंजीकरण कराया था। आरोप है कि इस कार्यक्रम के दौरान पहले से शादीशुदा लोगों की दोबारा शादी कराई गई थी। 

बलिया मामले में अब तक 16 लोग गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों सहित 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने  बताया कि अब सामान्य सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में 100 से अधिक विवाह नहीं कराए जाएंगे। अगर किसी ऐसे कार्यक्रम में कोई मंत्री या कोई अन्य विशिष्ठ अतिथि आ रहा हो और उस कार्यक्रम में जिलाधिकारी स्वयं मौजूद हों तो 100 से अधिक विवाह कराने की अनुमति प्रदान की जाएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा हर शादी का पंजीकरण अब कार्यक्रम स्थल पर ही किया जायेगा और विवाह प्रमाणपत्र भी तुरंत जारी होगा। दूल्हा-दुल्हन की तस्वीर खींची जाएगी, सभी रस्म और संस्कार पूरे होने के बाद विवाह को कम्प्यूटर पर दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक नवविवाहित जोड़ों के विवरण को डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) और आधार कार्ड से जोड़ा जायेगा।'' 

अब बरती जाएगी सतर्कता 

उन्होंने बताया कि सामूहिक विवाह में गड़बड़ियों को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर ग्राम सचिव और लेखपाल को यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी जाएगी कि इन कार्यक्रमों में शादी करने वाला युवक या युवती पहले से विवाहित तो नहीं है। समाज कल्याण मंत्री अरुण ने कहा कि मौजूदा नियमावली के अनुसार सत्यापन की जिम्मेदारी खंड स्तर के अधिकारियों की है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश सरकार खंड स्तर से सत्यापन के बाद उनमें से एक निश्चित प्रतिशत मामलों का जिलाधिकारी कार्यालय और उप निदेशक समाज कल्याण से फिर से सत्यापन कराने पर भी विचार कर रही है।’’ 

इनपुट - भाषा 

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