लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ कैबिनेट का 10 मार्च तक विस्तार हो सकता है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सीएम योगी अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार में ओम प्रकाश राजभर,दारा सिंह चौहान के साथ आरएलडी के दो मंत्री बनाये जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि आरएलडी से एक जाट और एक मुस्लिम को योगी सरकार में जगह मिल सकती है। वहीं बीजेपी से भी एक या दो नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को पुस्तक 'रोम रोम में राम' भेंट की।
बता दें कि ओमप्रकाश राजभर पिछले साल जुलाई महीने में एनडीए में वापस आ गए थे। उनकी एनडीए में वापसी के बाद से ही कैबिनेट में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। उनका इंतजार भी लंबा होता जा रहा था। हालांकि मीडियाकर्मियों ने जब-जब उनसे कैबिनेट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने यही कहा कि उनके लिए मंत्री पद ज्यादा महत्व नहीं रखता है। हम एनडीए के साथ हैं।
उनकी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा और छह सीटें जीतीं थी। उस वर्ष बाद में, पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया, जबकि समाजवादी पार्टी ने यशवंत सिन्हा का समर्थन किया था। पिछले साल जुलाई में सुभासपा औपचारिक रूप से एनडीए में शामिल हो गई है। फिलहाल उप्र विधानसभा में सुभासपा के छह विधायक हैं।
सुभासपा ने 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ा और चार सीटें जीतीं थी। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान राजभर को भी मंत्री बनाया गया था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और सुभासपा की राहें अलग हो गईं थी। राजभर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद जुलाई 2023 में सुभासपा, एनडीए में लौट आई।