उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जल है तो कल है। योगी ने शुक्रवार को लखनऊ के लोक भवन में भूजल सप्ताह के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जल को जीवन के पर्याय के रूप में माना गया है। मनुष्य के साथ ही, जंतु सृष्टि और भू-पारिस्थितिकी को बनाए रखने के लिए जल अनिवार्य है। जल की एक-एक बूंद महत्वपूर्ण है।
प्रकृति के साथ खिलवाड़ का नतीजा है- सीएम
उन्होंने कहा, "यदि हमें अपने भविष्य और जीव-जंतु सृष्टि को सुरक्षित रखते हुए पृथ्वी को सबसे उत्तम ग्रह के रूप में स्थापित रखना है, तो हमें जल संरक्षण के बारे में सोचना ही होगा। प्रकृति के साथ खिलवाड़ का नतीजा है कि वर्षा के मौसम में पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में बाढ़ और पूर्वी क्षेत्रों में सूखे की स्थिति है।''
"जागरूकता के लिए लगातार कार्य किए जा रहे"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 16 से 22 जुलाई, 2023 के बीच भूजल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जल-कलश में प्रतीकात्मक जल संचयन किया। उन्होंने जल संचयन के लिए विशिष्ट प्रयासों के जरिये जन जागरूकता पैदा करने के लिए पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय, पद्मश्री राम सरन वर्मा, सविता देवी और तुलसी राम को सम्मानित किया।