लोकसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में संपन्न हो चुका है और 10 सीटों के लिए तीसरे चरण का मतदान सात मई को है। बता दें कि इस बार लोकसभा का चुनाव सात चरणों में हो रहा है जिसमें अभी पांच चरणों में मतदान होना बाकी हैं। इस बीच, देश भर में बयानबाजी और चुनावी दंगल जोरों पर है। उत्तर प्रदेश में चुनाव को लेकर सियासी तापमान चरम पर है। इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा के बलिया सीट से घोषित उम्मीदवार सनातन पांडेय शनिवार को पहली बार अपने निर्वाचन क्षेत्र बलिया पहुंचे और वहां विवादित बयान दे दिया।
मेरी या कलेक्टर की लाश आएगी
सनातन पांडेय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान 2019 लोकसभा चुनाव में हार का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार जनता ने चुनाव जिताया तो सर्टिफिकेट लेकर आऊंगा और ज्यादती हुई तो मतगणना स्थल के बाहर मेरी लाश या कलेक्टर की लाश आयेगी। दो में से एक ही होगा, मैं ये शपथ लेकर आया हूं। सपा नेता सनातन पांडेय ने 2019 लोकसभा चुनाव की हार पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। बता दें कि पिछली बार के चुनाव में सपा से ही सनातन पांडेय प्रत्याशी थे, जिन्हे हार का सामना करना पड़ा था।
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भाजपा पर लगाया आरोप
पांडेय ने कहा कि मैं पिछली बार चुनाव जीत चुका था और मैंने चुनाव आयोग पर विश्वास किया था। मतगणना स्थल से हत्या की डर से बाहर नहीं आया था। हम आपके जीते हुए प्रत्याशी थे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और इन लोगों ने रिजल्ट बदलवाने का काम किया गया था लेकिन मैं इस बार संकल्प लेकर आया हूं कि 2024 में यदि जनता ने चुनाव में जीत दिलाई तो यहां का प्रशासन या भाजपा का कोई बी तंत्र मेरी जीत का सर्टिफिकेट लेने से मुझे नहीं रोक पायेगा। अगर ऐसा किया गया तो अंदर से (सपा प्रत्याशी) सनातन पांडे की लाश आयेगी या कलेक्टर की लाश आयेगी। दो में से एक ही होगा। मैं यह शपथ लेकर आया हूं।
नीरज शेखर को बता दिया समाजवादी
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चन्द्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर बलिया से बीजेपी के प्रत्याशी हैं, इस सवाल पर सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय ने नीरज शेखर को समाजवादी कह डाला। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी समाजवादी थे, वे भारतीय जनता पार्टी के साथ कभी भी नहीं रहे हैं। जब तक वो (चंद्रशेखर) समाजवादी विचारों के रहे हैं तब तक हमारे नेता यानी मुलायम सिंह यादव ने उनको समर्थन देने का काम किया। हमारे नेता ने उनके न रहने पर उनके बेटे को अपना बेटा मानकर दो-दो बार सांसद बनाने का काम किया। अब वो भारतीय जनता पार्टी से लड़ रहे हैं। अब उनका कुछ भी नहीं बचा है। नीरज शेखर 2019 तक समाजवादी पार्टी के साथ थे और अब भाजपा के साथ चले गए हैं।
(बलिया से अमित कुमार की रिपोर्ट)