Wednesday, January 15, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. उत्तर प्रदेश
  3. कौन हैं नईमा खातून? AMU में वाइस चांसलर के सेलेक्शन के लिए क्या है प्रक्रिया?

कौन हैं नईमा खातून? AMU में वाइस चांसलर के सेलेक्शन के लिए क्या है प्रक्रिया?

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को पहली महिला वाइस चांसलर मिल गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद नईमा खातून के नाम पर मुहर लग गई। ऐसे में आइए जानते हैं कि एएमयू में वीसी का सेलेक्शन कैसे होता है?

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Apr 23, 2024 12:59 IST, Updated : Apr 23, 2024 13:02 IST
नईमा खातून होगी AMU की वाइस चांसलर
Image Source : FILE PHOTO नईमा खातून होगी AMU की वाइस चांसलर

प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) ने नईमा खातून को वाइस चांसलर नियुक्त किया है। वह एएमयू के 103 साल के इतिहास में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद 22 अप्रैल को नईमा खातून को AMU का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अभी देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए चुनाव आयोग से भी नियुक्ति को लेकर मंजूरी मांगी गई थी। 

चुनाव आयोग ने नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन ये जरूर कहा कि इससे कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाए। अब नईमा खातून पांच सालों तक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर बनी रहेंगी। बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान ने की थी। उस समय इसे मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज के तौर पर जाना जाता था। 1920 में मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बन गई। साल 1920 में बेगम सुल्तान जहां को एएमयू की चांसलर नियुक्त किया गया। अब इसके 100 साल बाद नईमा खातून पहली महिला वाइस चांसलर नियुक्त हुई हैं।

कौन हैं AMU की नियुक्त हुईं वीसी?

नईमा खातून अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमन्स कॉलेज में प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं। वाइस चांसलर बनने से पहले वह प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने एएमयू से ही पढ़ाई की है। नईमा ने एएमयू से मनोविज्ञान में पीएचडी की और फिर 1988 में उन्हें यूनिवर्सिटी के इसी डिपार्टमेंट में लेक्चरर बना दिया गया। 2006 में वह मनोविज्ञान की प्रोफेसर बनीं। इसके बाद नईमा को 2014 में वीमन्स कॉलेज की प्रिंसिपल नियुक्त किया गया। इन्होंने मध्य अफ्रीका के रवांडा के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में एक साल पढ़ाया है। इनके पास राजनीतिक मनोविज्ञान में PhD की डिग्री है। वह वर्तमान में अक्टूबर 2015 से सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड करियर प्लानिंग, एएमयू, अलीगढ़ के निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं।

कैसे होता है एएमयू के लिए वीसी का सेलेक्शन? 

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी देश का एकमात्र शैक्षणिक संस्थान है, जिसे अपने विश्वविद्यालय का कुलपति चुनने का अधिकार है। AMU में वाइस चांसलर के सिलेक्शन में यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल और कोर्ट का रोल होता है। एग्जिक्यूटिव काउंसिल में 27 लोग शामिल होते हैं। काउंसिल वाइस चांसलर के पद के लिए आवेदन करने वाले लोगों में से पांच लोगों के पैनल को शॉर्टलिस्ट करता है। इन लोगों को बैलेट पेपर वोटिंग के जरिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है। इसके बाद इन नामों को एएमयू कोर्ट को भेजा जाता है। 

एएमयू कोर्ट के सदस्य, जिसमें पूर्व वाइस चांसलर समेत अलग-अलग विभागों के डीन शामिल हैं, पैनल में आए पांच नामों पर चर्चा करते हैं। उनकी योग्यता के आधार पर तीन लोगों के नामों को फाइनल किया जाता है। कोर्ट आगे इन्हीं तीन नामों में से किसी एक को वाइस चांसलर बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय के पास भेज देता है। शिक्षा मंत्रालय फिर इन नामों की सिफारिश राष्ट्रपति से करता है और फिर वो किसी को वाइस चांसलर के तौर पर चुनते हैं।

ये भी पढ़ें- 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें उत्तर प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement