उत्तर प्रदेश के आगरा में एक दिलचस्प घटना सामने आई जब पुलिस कंट्रोल रूम पर एक लड़की का फोन आया, जिसमें वह मदद की गुहार लगाते हुए कहती है कि वह सुनसान रास्ते पर अकेली है और उसे डर लग रहा है। इस पर पुलिस कंट्रोल रूम ने तुरंत जवाब दिया कि वह वहीं रहें, पुलिस की सहायता 10 मिनट में पहुंचेगी। इसके ठीक 10 मिनट में लड़की के पास पुलिस पहुंच गई। मौके पर पहुंचकर पुलिस ये जानकर हैरान रह गई कि वह लड़की कोई और नहीं बल्कि खुद सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) सुकन्या शर्मा हैं।
सादे कपड़ों में ऑटो-रिक्शा में निकलीं ACP
दरअसल, आगरा में तैनात एसीपी सुकन्या शर्मा महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए रात में सादे कपड़ों में सड़कों पर निकलीं और इस दौरान उन्होंने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल कर पुलिस से मदद भी मांगी। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शर्मा की इस कोशिश को ‘‘प्रशंसनीय प्रयास’’ करार दिया और कहा कि ऐसे ‘मॉक-कॉल’ समय-समय पर होते रहें तो पुलिस-प्रशासन सजग और सचेत रहेगा।
रात में सड़क पर फंसी अकेली महिला पुलिस से मांग सकती है हेल्प
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि आगरा के एत्मादपुर में सहायक पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात सुकन्या शर्मा शनिवार देर रात सफेद कमीज और काली जींस पहनकर बाहर निकलीं और ऑटो रिक्शा पर सवार हुई। बाद में उन्होंने ‘112’ पर फोन करके मदद मांगते हुए कहा कि वह सुनसान सड़क पर अकेली हैं, क्या उन्हें मदद मिल सकती है। शर्मा का मकसद महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस की मुस्तैदी को जांचना था। बहरहाल, फोन पर तुरंत कार्रवाई हुई और 10 मिनट के अंदर पुलिस नियंत्रण कक्ष की टीम मौके पर पहुंची तो एसीपी सुकन्या शर्मा को सामने देखकर हैरान रह गई।
नियमों के तहत, रात 10 बजे से सुबह छह बजे के बीच अगर कोई महिला किसी ऐसी जगह फंसी हो, जहां से उसे वाहन नहीं मिल सकता है तो वह पुलिस से मदद मांग सकती है। इसी की जांच के लिए शर्मा ने रात साढ़े 11 बजे पुलिस नियंत्रण कक्षा में फोन किया।
अखिलेश यादव ने की ACP की तारीफ
सपा के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सहायक पुलिस आयुक्त के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने रविवार देर रात सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, "महिला सुरक्षा सुशासन की प्रथम परीक्षा होती है। यदि समाजवादी पार्टी के समय में महिला सुरक्षा के लिए शुरू किए गए आपातकालीन नंबर ‘1090’ व ‘100’ को भाजपा सरकार में अच्छी तरह चलाया और बढ़ाया जाता तो आज महिला सुरक्षा को लेकर किसी ज़िम्मेदार अधिकारी को आशंका से भरा कॉल न करना पड़ता।"
यादव ने कहा, "ऐसे ‘मॉक-कॉल’ समय-समय पर होते रहें तो पुलिस-प्रशासन सजग और सचेत रहेगा। प्रशंसनीय प्रयास!" (भाषा इनपुट्स के साथ)
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