
लखनऊः यूपी के रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विधायक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में विजलेंस जांच शुरू हो गई है। सतर्कता (विजलेंस) विभाग ने महानिरीक्षक प्रयागराज को पत्र लिखकर विधायक, उनकी पत्नी, बेटा और बेटी के नाम खरीदी गईं जमीन, मकान, फ्लैट, व्यवसायिक और कृषि जमीन की जानकारी मांगी है।
महानिरीक्षक प्रयागराज में उप निबंधन कार्यालय से मांगी जानकारी
महानिरीक्षक प्रयागराज ने सभी उप निबंधन कार्यालय को निर्देशित किया है कि उमाशंकर सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, बेटी यामिनी व बेटे युकेश के नाम से प्रदेश में खरीदी गई जमीन, मकान, फ्लैट या अन्य प्रकार की संपत्तियों की जानकारी सतर्कता विभाग को उपलब्ध कराए।
शासन ने इस संबंध में स्थानीय स्तर पर भी सतर्कता विभाग को निर्देश दिया है, ताकि आसानी से संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा सके। बनारस में सभी उप निबंधन कार्यालय (रजिस्ट्री कार्यालय) ने संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है।
कौन हैं उमाशंकर सिंह?
बसपा विधायक उमाशंकर सिंह मूल रूप से बलिया के नगरा थाना क्षेत्र के खनवर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर छात्र जीवन से शुरू किया था। साल 2000 में उमाशंकर सिंह पहली बार जिला पंचायत सदस्य चुने गए। उन्होंने 2009 में कंस्ट्रक्शन कंपनी खोलकर अपना बिजनेस शुरू किया। व्यवसाय के दौरान वह राजनीति में सक्रिय रहे और साल 2011 में मायावती के संपर्क में आ गए और बसपा में शामिल हो गए। साल 2012 में विधानसभा चुनाव हुआ तो मायावती ने उमाशंकर सिंह को टिकट दिया।
उमाशंकर सिंह ने सपा के सनातन पांडे को हराकर पहली बार विधायक बने। इसके बाद से वह लगातार विधायक हैं। यूपी में जब सपा और बीजेपी की लहर थी तब भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उमाशंकर सिंह बसपा के एक मात्र नेता रहे जो विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे।