गाजीपुर के मरदह बस स्टैंड में मिली लावारिस नवजात बच्ची को पुलिस ने चाइल्ड केयर सेंटर को सौंप दिया। बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है और महिला चिकित्सालय गाजीपुर में है। यहां से बच्ची को चाइल केयर ले जाया जाएगा। इस बच्ची के माता-पिता को लेकर कोई जानकारी नहीं सामने आई है। बच्ची को जानबूझकर छोड़ा गया है या किसी अन्य कारण से बच्ची वहां रह गई। इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय लोगों का अंदाजा है कि माता-पिता बच्ची को साथ नहीं रखना चाहते थे। इस वजह से उसे बस स्टैंड पर छोड़कर चले गए।
मामला उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का है। यहां वाराणसी-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 24 के मरदह बस स्टैंड में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा है। प्रतिमा के सामने मरदह गांव निवासी राधेश्याम मद्धेशिया की मिठाई और चाय की दुकान है। यहां ग्राहकों के बैठने के लिए तख्ता रखा गया है। हालांकि, हर समय यहां लोग नहीं रहते हैं। ऐसे में एक नवजात बच्ची को कपड़े में लपेटकर लावारिस अवस्था में छोड़ दिया गया। अनुमान है कि जन्म के कुछ घंटे बाद ही बच्ची को यहां छोड़ा गया।
रोने की आवाज सुनकर पहुंचे लोग
बस स्टैंड में बच्चे के रोने की आवाज आई तो यहां से गुजर रहे लोग पास पहुंचे। उन्हें तख्ते पर कपड़े में लिपटी हुई बच्ची मिली। इसके बाद पास में मौजूद होमगार्ड के जवानों को सूचित किया गया और पुलिस को भी मामले की जानकारी दी गई। मरदह थाने में तैनात एक महिला सिपाही ने लावारिस हालत में मिली नवजात बच्ची को अपनी गोद में उठाया तो वह भावुक हो गई। थानाध्यक्ष धर्मेंद्र पांडेय ने बताया की एक गमछे में एक नवजात बच्ची पड़ी मिली। बच्ची को थाने लाकर महिला पुलिसकर्मी के पास रखा गया था। बच्ची पूर्णतः स्वस्थ है। बच्ची को जिला महिला चिकित्सालय गाजीपुर भेजा गया है। वहां से चाइल्ड केयर को सौंपा जाएगा।
( गाजीपुर से शशि कान्त तिवारी की रिपोर्ट)
यह भी पढ़ें-
पहले चरण के मतदान पर आया अखिलेश का रिएक्शन, बीजेपी का पहला फ्लॉप शो बताया, जानें और क्या कहा?