उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा पीसीएस प्री और RO/ARO की परीक्षा को लेकर हजारों छात्र सोमवार को प्रयागराज की सड़कों पर उतर आए। UPPSC RO/ARO परीक्षा को दो दिन कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों ने सोमवार सुबह से लोक सेवा आयोग के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू किया, जो देर शाम तक जारी रहा।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की ये है मांग
दिन ढलने के साथ ही हजारों की संख्या में छात्रों ने मोबाइल टार्च जलाकर अपनी एकता का प्रदर्शन किया। छात्रों की मांग है कि एक दिन में एक शिफ्ट में ही पीसीएस प्री 2024 और आरओ और एआरओ प्री की परीक्षाएं कराई जाएं।
UPPSC ने जारी किया बयान
वहीं, अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने RO/ARO परीक्षा को लेकर छात्रों की मांग पर अपना बयान जारी किया है।
- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षाओं की शुचिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केन्द्रों पर कराई जा रही है। जहां किसी प्रकार की कोई गड़बड़ियों की कोई सम्भावना नहीं है।
- आयोग ने कहा कि पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केन्द्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आई हैं, जिससे योग्य छात्रों के भविष्य अनिश्चित्ता बन जाती है। इसे खत्म करने के लिए एवं संपूर्ण परीक्षा मेरिट के आधार पर संपन्न कराने के लिए इन केन्द्रों को हटाया गया है।
- यूपीएसी ने कहा कि सरकार एवं आयोग की मंशा छात्र हितों को संरक्षित करना एवं मेरिट के आधार पर चयन सुनिश्चित करना है।
- चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी एवं छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है। देश के अन्य प्रतिष्ठित आयोगों तथा संस्थानों द्वारा भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
- आयोग ने परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने की महत्ता के दृष्टिगत अभ्यर्थियों के आग्रह पर ही दो पालियों में परीक्षा आयोजन का निर्णय लिया।
- आयोग ने कहा कि अभ्यर्थियों को परीक्षा देने दूर न जाना पड़े, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
- आयोग ने कहा कि अराजक तत्वों, अवैध कोचिंग संस्थानों, नकल माफिया द्वारा प्रतियोगी छात्रों को भ्रामक जानकारी देकर बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है। छात्रों को ऐसी सूचनाओं से सावधान रहना चाहिए।
- नॉर्मिलाइजेशन (Normalisation) के संदर्भ में आयोग, अभ्यर्थियों के सुझावों का स्वागत करता है। जिसको भी उसके संदर्भ में कोई सुधार-सुझाव और बेहतर व्यवस्था हो। वह अभ्यर्थी दे सकते हैं जिससे कि प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की समिति के समक्ष सारी चीज रखी जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि जो भ्यर्थियों के हित में आवश्यक होगा। उसका पालन किया जाएगा।