उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में सीएम योगी ने मंत्रियों और अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि राजस्व के रूप में मिली धनराशि जनता की होगी। इस राशि को जनहित में उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने खनन, स्टाम्प व निबंधन, आबकारी, परिवहन सहित हर सेक्टर में राजस्व संग्रह बढ़ने पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि राज्य कर विभाग की विशेष अनुशासनिक इकाइयों का टारगेट तय करें, प्रदर्शन की रिपोर्ट प्रत्येक महीने सीएम ऑफिस भेजी जानी चाहिए।
अब तक 51 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व मिला
सीएम योगी ने बारी-बारी से जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टाम्प एवं पंजीयन, परिवहन, भू-राजस्व और ऊर्जा में राजस्व संग्रह के लक्ष्य और उससे जुड़ी जानकारी ली। साथ ही विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में विविध माध्यमों से अब तक 51 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है।
परिवहन से 3 हजार करोड़, ऊर्जा से 733 करोड़ का राजस्व मिला
इसमें जीएसटी/वैट से लगभग 28 हजार करोड़ रुपये, एक्साइज टैक्स के रूप में 12 हजार करोड़ रुपये, स्टाम्प एवं पंजीयन से 7500 करोड़ रुपये, परिवहन से 3 हजार करोड़ रुपये, ऊर्जा से 733 करोड़ और भू-राजस्व के रूप में 114 करोड़ से अधिक का राजस्व संग्रह हुआ है। सीएम ने कहा कि यह स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है। यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में जनता के हित में लोककल्याणकारी कार्यों में खर्च की जाएगी।
प्रदेश में 31 लाख से अधिक GST पंजीकृत व्यापारी
सीएम ने कहा कि प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। लगातार प्रयासों से आज प्रदेश में 31 लाख से अधिक GST पंजीकृत व्यापारी हैं। इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए हमें नए स्रोत भी बनाने चाहिए। नियमों को सरल बनाएं। तकनीक को अपनाएं और रिफॉर्म करें।
कच्ची शराब बनाने और बेचने पर लगे प्रतिबंध
अवैध शराब/कच्ची शराब बनाने और बेचने की गतिविधियों को बंद करने में हमें सफलता मिली है। ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई लगातार जारी रखी जानी चाहिए। दूसरे प्रदेशों से अनाधिकृत शराब राज्य में न आने पाए, इसके लिए हर समय एक्टिव रहना होगा।
बायर को समय से मिले फ्लैट की रजिस्ट्री
इस बैठक में फैसला लिया गया कि नोएडा/ग्रेटर नोएडा में बिल्डर-बायर्स के बीच समस्याओं का समाधान तेजी के साथ किया जाए। हमें हर एक बायर के हितों की सुरक्षा करनी है। बायर को उसके फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिलनी चाहिए। इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। बिना परमिट/बिना फिटनेस एक भी वाहन सड़क पर नहीं आने चाहिए। इसके लिए सघन चेकिंग की जाए। आरटीओ कार्यालयों को दलालों से मुक्त किया जाए। ये लोग सरकारी व्यवस्था में बाधक बनते हैं।