लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार तीसरे दिन हो रही भारी बारिश से नौ और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मरने वालों की संख्या 28 हो गई है, जबकि सबसे ज्यादा प्रभावित बाराबंकी और गोंडा सहित छह जिलों में मंगलवार को रेड अलर्ट जारी किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले 48 घंटों में राज्य के सात जिलों में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई और 10 अन्य जिलों में 50 मिमी बारिश दर्ज की गई. पिछले 24 घंटों में बहराईच और बाराबंकी के कुछ हिस्सों में 250 मिमी से अधिक बारिश हुई है। राहत आयुक्त कार्यालय ने यहां कहा, "पिछले 24 घंटों में (सोमवार शाम 6 बजे से मंगलवार शाम 6 बजे तक) नौ मौतें हुईं। इसमें बिजली गिरने से पांच, अत्यधिक बारिश से दो और डूबने से एक-एक मौत शामिल है।" रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मौतों में मिर्ज़ापुर में तीन, प्रयागराज और सीतापुर में दो-दो और सुल्तानपुर और बदायूं में एक-एक मौत शामिल है।
छह जिलों में रेड अलर्ट, 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी
सोमवार को बारिश से जुड़ी घटनाओं में 19 लोगों की मौत हो गई थी, इनमें से चार हरदोई से, तीन बाराबंकी से, दो-दो प्रतापगढ़ और कन्नौज से और एक-एक व्यक्ति अमेठी, देवरिया, जालौन, कानपुर, उन्नाव, संभल, रामपुर और मुजफ्फरनगर जिलों से थे। राहत आयुक्त कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, छह जिलों-लखीमपुर खीरी, बहराईच, श्रावस्ती, सीतापुर, बाराबंकी और गोंडा में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि चार जिलों-हरदोई, बस्ती, लखनऊ और सिद्धार्थनगर में आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश के कारण कुछ जिलों में सोमवार को स्कूल बंद करने पड़े। गोंडा और बाराबंकी में स्कूल मंगलवार को भी बंद रहे लेकिन लखनऊ में आसमान साफ होने के साथ स्कूल फिर से खुल गए।
बाराबंकी में लगातार बारिश से कुछ इलाके जलमग्न हो गए हैं और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने 1,500 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। अधिकारियों ने बताया कि मिनी नावों की मदद से लोगों को निकाला गया है और राहत सामग्री वितरित की जा रही है। मंगलवार को अयोध्या मंडलायुक्त सौरभ दयाल ने बाराबंकी के बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया था। जिले में शहरी क्षेत्र के 10 से अधिक मोहल्ले बारिश के पानी में डूब गये हैं।
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 12 नावें बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर बचाव अभियान चला रही हैं। इसके अलावा, जिला प्रशासन प्रभावित परिवारों को स्वच्छ पानी और खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है। दयाल ने कहा कि भारी बारिश कम समय में केंद्रित होने के कारण जलभराव हुआ और आने वाले 24 घंटों में जल स्तर में कमी आएगी।
गोंडा में सोमवार की सुबह मौसम साफ था लेकिन बाद में बारिश शुरू हो गई। रातभर हुई बारिश से जिला अस्पताल परिसर समेत निचले इलाकों में पानी भर गया है। अधिकारियों ने बताया कि जिले के तरबगंज तहसील में आकाशीय बिजली गिरने से दो भैंसों की मौत हो गयी। राहत आयोग के अधिकारी ने कहा कि जल जमाव की समस्या से निपटने के लिए विभिन्न टीमें विभिन्न क्षेत्रों में चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।
राज्य के सभी तटबंध सुरक्षित
अधिकारियों ने बताया कि सिंचाई विभाग का अमला राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। राज्य के सभी तटबंध सुरक्षित हैं और कहीं से किसी प्रकार के टूटने की कोई खबर नहीं है। अधिकारी ने बताया कि कहीं भी कोई नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है लेकिन पलिया कलां में शारदा खतरे के निशान के आसपास ही बह रही है और जलस्तर बढ़ रहा है। मुरादाबाद में रामगंगा नदी और बाणसागर (मिर्जापुर) में सोन नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। अधिकारी ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को तैनात किया गया है.
जिलों में भोजन पैकेट, खाद्यान्न, तिरपाल शीट और महिला गरिमा किट के वितरण के साथ राहत कार्य चल रहे हैं। चिकित्सा विभाग और पशुपालन विभाग की टीमें भी तैनात की गई हैं। अधिकारी ने कहा, ''सब कुछ नियंत्रण में है और जिले के कर्मचारी निगरानी बनाए हुए हैं।'' उन्होंने बताया कि राहत आयुक्त कार्यालय में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और एक हेल्पलाइन 24 घंटे चालू है। अधिकारी ने कहा, राहत कार्य चलाने के लिए जिलों को पहले ही धन आवंटित किया जा चुका है।
(इनपुट-पीटीआई)
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