Wednesday, December 25, 2024
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यूपी पीडब्लयूडी विभाग के बाबुओं की गजब कहानी, तीन कर्मचारियों पर रेप और मर्डर का आरोप, लेकिन कार्रवाई अबतक नहीं

यूपी के पीडब्ल्यूडी विभाग के तीन कर्मचारियों पर संगीन आरोप लगे हैं। तीनों पर रेप और मर्डर का आरोप है। साथ ही तीनों में से एक पर करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप है। बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा अबतक इन कर्मचारियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

Reported By : Vishal Pratap Singh Edited By : Avinash Rai Published : Dec 25, 2024 20:06 IST, Updated : Dec 25, 2024 20:06 IST
UP PWD department clerks story three employees accused of rape and murder but no action taken till n
Image Source : PTI/INDIA TV यूपी पीडब्लयूडी विभाग के बाबुओं की गजब कहानी

उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। यूपी जैसे राज्य को मैनेज करने के लिए वहां के सरकारी विभागों में उतने ही फंड्स भी आते हैं। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार और किसी भी शिकायत पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। इस बीच राज्य में सबसे ज्यादा चर्चा उस विभाग की हो रही है, जिसके मुखिया खुद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। दरअसल हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी विभाग की, जिसके तीन बाबुओं की चर्चा इस वक्त न सिर्फ विभाग में हो रही है, बल्कि उनकी पकड़ की चर्चा मुख्यमंत्री के कार्यालय तक में हो रही है। पीडब्ल्यूडी के इन तीन बाबुओं का नाम है वीरेंद्र यादव, ओमप्रकाश पटेल और वीरेंद्र कुमार यादव। 

पीडब्ल्यूडी के बाबुओं पर बलात्कार और हत्या का आरोप

बता दें कि ये तीनों सरकारी कर्मचारी एक ही पद पर पिछले 20 सालों से जमें हुए हैं। पिछले 20 सालों से इनका कभी ट्रांसफर नहीं हुआ है। इन तीनों बाबुओं पर कोविड के दौरान एक दलित पीडब्ल्यूडी महिलाकर्मी के साथ बलात्कार और फिर निर्मम हत्या करने का आरोप भी लगा, लेकिन तीनों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। पिछड़ा वर्ग आयोग ने सख्ती दिखाई तो गृह विभाग ने इस मामले में जांच के आदेश तो दिए लेकिन वह जांच शुरू हुई या नहीं इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। राज्य महिला आयोग ने आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के लिहाज से पीडब्ल्यूडी विभाग के राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह की संसूती के आधार पर दूर मंडलों में ट्रांसफर करने के आदेश दिए। बावजूद इसके फाइल अभी भी 4 महीनों से इधर-उधर हो रही है, लेकिन कोई एक्शन नहीं हो रहा है। 

जांच में अधिकारी पाए गए दोषी, फिर नहीं हुई कार्रवाई

हालांकि इस बीच ये जरूर पता लगा है कि फाइल में ऐसी तकनीकी गलती करके उसे आगे बढ़ाया जाता है, जिसपर कोई एक्शन न हो सके। हालांकि इस महीन और बारीक गलती को विभाग के प्रमुख अजय चौहान ने पकड़ा है। इस मामले में भाजपा के उन्नाव से विधायक अनिल सिंह ने तीनों बाबुओं की आय से अधिक संपत्ति की जांच करवाने और उनको सेवा से बर्खास्त करने तक की चिट्ठी सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखी है। इसके बाद प्रमुख सचिव ने आदेश दिया और प्रारंभिक जांच में तीनों को दोषी पाया गया, लेकिन फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

क्या पीडब्ल्यूडी में सब चल रहा ठीक?

कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने जांच के आदेश दिए, उस चिट्ठी के आधार पर जिसमें तीनों बाबुओं में से एक के ऊपर संगीन आरोप लगा कि पुलवामा हमले के दौरान यूपी पीडब्ल्यूडी ने जो पैसा इकट्ठा किया था, उसे बाबू ने अपने व्यक्तिगत अकाउंट में रखकर सालों तक उसका ब्याज खाया, जिसकी रकम करोड़ों में बताई जा रही है। बावजूद इसके कोई एक्शन नहीं लिया गया। इस मामले में कोई जांच हुई भी या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है। अब जब इन तीनों बाबुओं की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंची है तो सूत्र ऐसा बता रहे हैं कि वहां भी कुछ सेक्शन के लोग बाबुओं को बचाने की जी तोड़ कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसे में महीनों से लंबित जांच का कोई निष्कर्ष न निकलना पीडब्ल्यूडी में सबकुछ ठीक न चलने का बड़ा इशारा जरूर है। 

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