माफिया अतीक अहमद की IS 227 गैंग की पुलिस समीक्षा कर रही है। इस गैंग में जहां अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और अतीक के दोनों बेटों उमर और अली का नाम शामिल किया जाएगा, वहीं गैंग की लिस्ट में कुछ नाम काटे भी जाएंगे। ये वो लोग हैं, जो या तो इस दुनिया में नहीं है या फिर अपराध का दामन छोड़ चुके हैं। पुलिस ने गैंग के सदस्यों की सक्रियता परखनी शुरू कर दी है, जिसके लिए प्रयागराज के सभी थानों को ये निर्देश दिया गया है कि वो अपने थानाक्षेत्र में रहने वाले अतीक गैंग की गैंग IS 227 के सदस्यों के घर जाकर पता लगाए कि वो मौजूदा समय में क्या कर रहे हैं और इस वक्त वो कहां हैं, या किसी अपराध में शामिल तो नहीं हैं। इसके लिए पुलिस ने अलग-अलग एक दर्जन जगहों पर जाकर चेकिंग भी की है।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद घर छोड़कर भागे गुर्गे
माफिया अतीक अहमद की गैंग के सदस्य कुछ जेल में बंद हैं, जबकि कुछ जमानत पर बाहर हैं। जेल के बाहर रहने वाले अतीक के गुर्गे और करीबी उमेश पाल हत्याकांड के बाद से घर छोड़कर भागे हैं। पुलिस ने प्रयागराज के बेली गांव करेली, धूमन गंज चकिया, दामो पुर, कसारी मसारी, राजरूपपुर अतरसुइया, पुरामुफ्ती हटवा, इलाको में जाकर IS 227 गैंग के सदस्यों को खोजना शुरू कर दिया है। इसमें एक पूर्व सपा विधायक और एक सपा नेता के घर पर भी पुलिस गई थी और उनके बारे में पता लगाया। इन दोनों नेताओं का नाम गैंग की लिस्ट में शामिल है।
मायावती की सरकार में IS 227 गैंग को रजिस्टर्ड किया
माफिया अतीक अहमद की IS 227 गैंग 2007 में मायावती की सरकार में रजिस्टर्ड किया गया था। अतीक के इस गैंग में कुल 122 लोगों का नाम जोड़ा गया था, जिसमें हार्ड कोर अपराधी तो शामिल थे ही, साथ में कई सफेद पोश लोगों को भी सूचीबद्ध किया गया था, जिसमे कई सपा नेता और एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं। पूर्व विधायक का नाम 21वें नंबर पर दर्ज है, जिन पर अतीक गैंग को फंडिंग करने का आरोप लगा था। हालांकि, अतीक के इस गैंग में 122 में से 13 लोग मर भी चुके हैं, इसलिए पुलिस नई लिस्ट अपडेट कर मृतकों के नाम को हटाएगी, जिसकी तैयारी चल रही है।
लिस्ट में शामिल अतीक के करीबी सफेद पोश नेता परेशान
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक गैंग पर जिस तरह से सरकार शिकंजा कस रही है उससे गैंग की लिस्ट में शामिल अतीक के करीबी सफेद पोश नेता काफी परेशान हैं। गैंग लिस्ट अपडेटिंग में वो अपना नाम हटवाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। किसी ने कमिश्नर को अर्जी भेजकर अतीक से अपना किनारा किया, तो किसी ने आईजी को अर्जी भेजकर अतीक गैंग से ताल्लुक नहीं होने का हवाला दिया। हालांकि, पुलिस पूरी जांच के बाद ही IS 227 गैंग में नए लोगों को जोड़ेगी और सुधरने वालों का नाम हटाएगी।