नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूरे जोर-शोर से चल रही है। इस बीच प्राण प्रतिष्ठा से पहले सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स अब अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा करेगी।यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद जनता के लिए खुलेगा मंदिर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी को रामलला की प्रतिमा के "प्राणप्रतिष्ठा" किये जाने के बाद 70 एकड़ में फैला मंदिर जनता के लिए खोल दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश पुलिस का एक विशेष कार्यबल पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मुख्य परिसर सहित मंदिर परिसर की सुरक्षा करेगा, जो 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा होगा।
सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ को हटाया जाएगा
अधिकारी ने कहा कि दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर की सुरक्षा कर रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को धीरे-धीरे हटा लिया जाएगा। अर्धसैनिक बल ने 5 जुलाई 2005 को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर हुए एक आतंकवादी हमले को पांच आतंकवादियों को मारकर विफल कर दिया था।
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में एक सदी से भी पुराने मंदिर-मस्जिद विवाद का निपटारा करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। अदालत ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया और फैसला सुनाया कि मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ का वैकल्पिक भूखंड खोजा जाना चाहिए।
प्राण प्रतिष्ठा और 2024 के आम चुनाव दोनों शुभ होंगे : मंदिर के मुख्य पुजारी
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यह नया साल 2024 बहुत महत्वपूर्ण होगा क्योंकि राम लला अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे तथा आम चुनाव होंगे और दोनों ‘शुभ’ होंगे। उन्होंने अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “न सिर्फ शांति बल्कि, राम राज्य आ रहा है। राम लला गर्भ गृह में विराजमान होंगे।” उन्होंने एक चौपाई को उद्धृत करते हुए कहा, “राम राज बैठे त्रैलोका, हर्षित भय, गए सब सोका।” दास ने कहा, “दुख, पीड़ा, तनाव सब समाप्त हो जाएगा और हर कोई खुश होगा।” ‘राम राज्य’ शब्द का इस्तेमाल आदर्श शासन के लिए किया जाता है जहां हर कोई खुशहाल हो। (भाषा)