उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर. विश्वकर्मा ने बुधवार को अपने अधिकारियों को सख्त आदेश दिया है। उन्होंने आदेश दिया कि अपन-अपने इलाकों के कुख्यात अपराधियों व बदमाशों के पते का लॉन्गिट्यूड और लैटिट्यूड (अक्षांश-देशांतर) को अपनी हिस्ट्रीशीट में जरूर से दर्ज करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए आगाह भी किया कि यदि जांच में तथ्यों की जानकारी गलत पाई जाती है तो इस मामले से सबंधित थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सही लोकेशन न होने पर होगी कार्रवाई
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, "डीजीपी ने हिस्ट्रीशीटर के पते का देशांतर और अक्षांश हिस्ट्रीशीट में नोट करने का निर्देश दिया है। यदि सत्यापन के दौरान यह पाया जाता है कि रिकॉर्ड किया गया देशांतर और अक्षांश गलत है, तो संबंधित थानाध्यक्ष के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।" डीजीपी ने कहा कि देशांतर और अक्षांश की जानकारी गलत दिए जाने के कारण आम नागरिक को अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े। इसलिए जरूरी है कि सही देशांतर और अक्षांश का विवरण हिस्ट्रीशीट में भरा जाए।
क्यों जारी हुई ये आदेश
डीजीपी ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि आपातकालीन सेवा यूपी 112 के अपर पुलिस महानिदेशक हर जिले से कम से कम एक देशांतर और अक्षांश डेटा का चुनाव करेंगे और गूगल अर्थ का उपयोग करके उस जगह यूपी 112 के वाहन को भेजकर जांच कराएंगे। डीजीपी ने कहा कि इसके तहत जिलेभर से डेटा संकलित करना होगा। बता दें कि यूपी पुलिस के अधिकारियों द्वारा ऐसा इसलिए कराया जा रहा है क्योंकि संबंधित हिस्ट्रीशीटर और बदमाश के देशांतर या अक्षांश की जानकारी न होने पर कई बार कार्रवाई के दौरान आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है। वहीं पुलिस को संबंधित जानकारी न होने के कारण दिक्कतें होती हैं और इसका लाभ अपराधी को मिलता है।
(इनपुट-पीटीआई)