संभल: यूपी के संभल मामले में घटना के 10 दिन बाद पुलिस ने सर्च आपरेशन चलाया है। जांच में पुलिस ने मौके से विदेशी हथियार के खोखे बरामद किए हैं। ये खोखे मेड इन अमेरिका हैं। पुलिस अब जांच करेगी कि फायरिंग में क्या दंगाइयों ने विदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया था। वह इस एंगल से भी जांच करेगी कि इसका सोर्स क्या था और ये विदेशी हथियार संभल में कहां से आए?
पुलिस ढूंढ रही इन सवालों के जवाब
मस्जिद के सामने वाली सड़क से 3 बुलेट सेल मिले हैं। तीनों नाली में पड़े थे। ऐसे में सवाल ये भी है कि कहीं जानकर इन्हें सबूत मिटाने के लिए तो नालियों में नहीं डाला गया।
बता दें कि संभल मामले में मजिस्ट्रेट जांच चल रही है। मजिस्ट्रेट के सामने हुए 10 पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए गए, जिसमें सीओ भी शामिल हैं। दरअसल संभल मामले में जिला प्रशासन ने भी जांच के आदेश दिए हैं, जो मजिस्ट्रेट कर रहे हैं। एक जांच राज्य सरकार द्वारा बनाए गए ज्यूडिशियल कमीशन को दी गई है। फिलहाल बयान मजिस्ट्रेट के सामने हुए हैं।
हालही में अखिलेश का सामने आया था बयान
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा था कि संभल हिंसा सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने कहा था कि इसके लिए सीधे तौर पर प्रशासन जिम्मेदार है। लोकसभा को में अखिलेश यादव ने जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग करते हुए इस मुद्दे पर संसद में विस्तृत चर्चा की मांग की थी। अखिलेश यादव ने कहा था कि संभल में जो घटना हुई वह एक सोची समझी साजिश है और संभल में भाईचारे को गोली मारी गई है। पूरे देश में खुदाई की बातें बीजेपी और उसके सहयोगी दल कर रहे हैं। यह देश का भाईचारा खत्म कर देंगे।
संभल मामले पर समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा था कि संभल में जो घटना हुई, वह एक सोची-समझी साजिश है। उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को उपचुनाव होने थे, लेकिन इसे 20 नवंबर तक टाल दिया गया। यह सरकार संविधान को नहीं मानती। संभल में शाही जामा मस्जिद के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। दूसरे पक्ष की बात सुनने से पहले ही मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश पारित कर दिया गया। 19 नवंबर को सर्वेक्षण किया गया और रिपोर्ट कोर्ट को दी जानी थी। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर को फिर से सर्वेक्षण किया गया, जिसके दौरान लोग सर्वेक्षण का कारण जानने के लिए एकत्र हुए। सर्किल ऑफिसर ने वहां एकत्र लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया और लाठीचार्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलीबारी की, जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए और 5 निर्दोष मारे गए। पुलिस और प्रशासन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।