बरेली: यूपी के बरेली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां अपने बेटों की हत्या के सदमे में एक महिला की मौत हो गई है। इस घटना के बाद शोकाकुल परिजनों ने शव को SSP ऑफिस के बाहर रखकर विरोध प्रदर्शन किया है।
क्या है पूरा मामला?
बरेली जिले के भुता थाना क्षेत्र में एक महिला अपने बेटे की हत्या का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और सोमवार को हफ्ते भर के भीतर ही उसकी मौत हो गई। शोकग्रस्त परिजनों ने बरेली में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय के बाहर महिला का शव रखकर विरोध-प्रदर्शन किया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि महिला के 2 बेटे थे, दोनों की हत्या कर दी गई। एक बेटे की हत्या 3 साल पहले हुई थी और दूसरे बेटे पुष्पेंद्र (40) की हत्या बीते मंगलवार को भुता थाना क्षेत्र में बीसलपुर रोड पर हो गई। दूसरे बेटे की हत्या के हफ्तेभर के अंदर ही मां नारायणी देवी (65) इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और उनकी भी मौत हो गई।
नारायणी देवी की मौत के बाद शोकाकुल परिजनों ने बरेली में एसएसपी कार्यालय के बाहर शव रखकर विरोध-प्रदर्शन किया। परिजनों ने मांग की, कि पुष्पेंद्र की हत्या मामले के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। परिजनों ने ये भी कहा कि वे तब तक शव नहीं हटाएंगे, जब तक कि पुष्पेंद्र की हत्या के सभी आरोपियों को पकड़ नहीं लिया जाता।
पुष्पेंद्र की पत्नी संगीता ने कहा, "सासू मां पूरी रात रो रही थीं और सुबह वह मृत अवस्था में मिलीं। वह डिप्रेशन में चली गई थीं। उनकी मौत इसी सदमे की वजह से हुई है।''
पुलिस ने की परिजनों से बात
बरेली के पुलिस अधीक्षक (शहर) मानुष पारीक ने बताया कि एसएसपी अनुराग आर्य ने मृतका के परिजनों से बात की है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। पारीक ने बताया कि काफी समझाने के बाद परिजन शव को अपने साथ ले गए।
पारीक ने बताया कि तीन संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि सात अभी भी फरार हैं। उनकी तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि तीनों संदिग्धों ने पूछताछ में कबूल किया है कि पुष्पेंद्र उनके खिलाफ दर्ज दो मुकदमों में गवाह था और इनमें से एक हत्या के मामले में सजा होने के डर से उन्होंने हिस्ट्रीशीटर पूरन लाल के घर में बैठकर पुष्पेंद्र की हत्या की साजिश रची थी। (इनपुट: भाषा)