समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने लखनऊ का नाम लखनपुर करने की भाजपा सांसद की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया है। मौर्या ने कहा कि लखनऊ का नाम लक्ष्मण के नाम पर नहीं बल्कि लखनऊ के राजा लखन पासी की पत्नी लखनावती के नाम पर पड़ा है। यहां आकर कोई दूसरा कब्जा नहीं कर सकता है। उन्होंने सलाह दी कि अगर लखनऊ का नाम बदलना ही है तो लखनऊ का नाम बदलकर लखनऊ पासी कर दो। बता दें कि यह स्वामी प्रसाद मौर्या ने तब कहा जब वे शनिवार को वाराणसी पहुंचे थे। उस दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही है। वहीं यहां मिर्जापुर जाते वक्त उनपर कुछ लड़कों द्वारा स्याही फेंकी गई और काले कपड़े भी दिखाए गए।
स्वामी प्रसाद मौर्या पर फेंकी स्याही
रविवार सुबह वाराणसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्या आए। फिर वे अपने काफिले के साथ मिर्जापुर के लिए निकल गए। इसके बाद उनके स्वागत के लिए टेंगरा मोड़ पर कुछ लड़के फूल माला लेकर खड़े थे। स्वामी प्रसाद मौर्या ने इन्हें समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता समझकर वाहन को रोका। इस दौरान माला पहनाने के बहाने लड़कों ने उनपर स्याही फेंक दी। हालांकि यह स्याही स्वामी प्रसाद मौर्या पर पड़ने के बजाय उनकी गाड़ी पर पड़ी। इसके बाद लड़कों द्वारा काले कपड़े भी स्वामी प्रसाद मौर्या के काफिले पर फेंका गया।
बता दें कि इस दौरान पुलिस की लड़कों से झड़प भी हुई। इस दौरान लड़कों द्वारा हर हर महादेव और जय श्री राम के नारे भी लगाए गए थे। बता दें कि रामचरित मानस पर बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा टिप्पणी की गई थी। इसी कारण लड़कों द्वारा यह विरोध जताया गया था। यह देख स्वामी प्रसाद मौर्या की गाड़ी को तेजी से आगे निकाल लिया।
मौर्या बोले- आज भी टिका हूं अपने बयान पर
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या मिर्जापुर के लिए निकल रहे थे। इससे पहले वे वाराणसी में रविवार के दिन प्रेस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के विवादित अंश को संशोधित किया जाए या फिर उसे प्रतिबंधित किया जाए। मैं आज भी अपने ही बयान पर टिका हुआ हूं। स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि एक चौपाई का विरोध करना रामचरितमानस का विरोध करना नहीं हुआ है।