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यूपी: SP ऑफिस में शख्स ने खुद को लगाई आग, मची अफरा-तफरी, हालत गंभीर

पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अंदर एक शख्स ने खुद को आग लगा ली है। इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हुआ है। उसे नाजुक हालत में लखनऊ भेजा गया है। युवक 60 प्रतिशत से अधिक जल गया है।

Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: December 27, 2023 23:51 IST
SP office- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE PIC SP ऑफिस में शख्स ने खुद को लगाई आग

उन्नाव: उन्नाव जिले में बुधवार को एक सनसनीखेज घटना में अनुसूचित जाति के एक युवक ने पुलिस क्षेत्राधिकारी पर अन्याय करने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अंदर खुद पर केरोसीन डालकर आग लगा ली। उसे नाजुक हालत में लखनऊ भेजा गया है। 

क्या है पूरा मामला?

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुरवा कोतवाली क्षेत्र के भूलेमऊ गांव के निवासी अनुसूचित जाति के युवक श्रीचंद्र (35) ने पुलिस पर उसके साथ न्याय न करने का आरोप लगाते हुए केरोसिन डालकर आग लगा ली। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आज की लपटों से घिरे श्रीचंद पर कंबल डालकर आग बुझाई और वे उसे जिला अस्पताल ले गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिला अस्पताल के आपातकालीन विभाग में श्रीचंद पुरवा के पुलिस क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को बुलाने की मांग कर रहा था। गंभीर रूप से झुलसे युवक को जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने लखनऊ ले जाने की सलाह दी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर आर.के.गौतम ने बताया कि युवक 60 प्रतिशत से अधिक जल गया है तथा उसे बेहतर इलाज के लिए लखनऊ ले जाने का परामर्श दिया गया है। दोपहर में हुई इस घटना के बाद अपर पुलिस अधीक्षक अखिलेश सिंह और पुलिस क्षेत्र अधिकारी (नगर) आशुतोष कुमार ने जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ित के हालचाल जानने के बाद परिजनों को न्याय का भरोसा दिया।

हालांकि पुलिस के अधिकारी घटना के बाबत कुछ भी बोलने से इंकार करते रहे। देर शाम घटना की जानकारी लेने जिला मुख्यालय पहुंचे पुलिस महानिरीक्षक तरुण गाबा ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसके कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। इस घटना के बाद श्रीचंद्र के भाई मूलचंद्र ने संवाददाताओं को बताया कि गांव में उसकी पुश्तैनी जमीन पर कुछ लोग कब्जा कर रहे थे तथा मना करने पर उन लोगों ने अक्टूबर में जान से मारने की नीयत से उस पर हमला किया था। 

इस मामले में पिछली 18 अक्टूबर को मुकदमा लिखा गया था। मूलचंद्र ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह ने कुछ दिन बाद विपक्षी लोगों से रिश्वत लेकर उल्टा श्रीचंद और उसके पक्ष के कुछ लोगों पर महिलाओं से अभद्रता और मारपीट के फर्जी आरोप में मुकदमा लिखवा दिया, इससे विपक्षियों की हिम्मत बढ़ गई।

मूलचंद्र का यह भी आरोप है कि संबंधित पुलिस अधिकारी ने मुकदमे से तीन आरोपियों के नाम हटा दिए जिसे लेकर जिले के साथ-साथ लखनऊ तक के अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई गई लेकिन इंसाफ नहीं मिला, फलस्वरूप उसके भाई ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आत्मदाह का प्रयास किया। इस बारे में पुलिस क्षेत्राधिकारी दीपक सिंह ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। 

उन्होंने कहा कि श्रीचंद्र द्वारा लिखवाए गए मुकदमे में जिन तीन लोगों के नाम हटाए गए हैं, जांच में उनकी घटना में कोई भी संलिप्तता नहीं मिली थी। उन्होंने बताया कि मामले की जांच पूरी तरह निष्पक्ष ढंग से की गई है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि उन्होंने प्रतिपक्षियों द्वारा लिखवाए गए मुकदमे में जांच के बाद संलिप्तता नहीं पाए जाने पर खुद श्री चंद के पिता का नाम भी मुकदमे से हटाया था। सिंह ने कहा कि वह अपने खिलाफ होने वाले किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। (इनपुट: भाषा)

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