उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने एक वायरल वीडियो की जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह कथित रूप से रिश्वत मांग रहे हैं। पुलिस आयुक्त, वाराणसी को वीडियो की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए कहा गया है, जो लगभग दो साल पुराना है। पुलिस कमिश्नर अगले तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
अनिरुद्ध सिंह वर्तमान में पुलिस अधीक्षक (मेरठ ग्रामीण) के पद पर तैनात हैं। वीडियो उस वक्त का है जब सिंह वाराणसी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। मेरठ जिले में एसपी ग्रामीण के पद पर नियुक्त आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह वीडियो कॉल के जरिए एक व्यक्ति से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। उक्त वीडियो के आधार पर सिंह पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं।
अनिरुद्ध सिंह की पत्नी से संबंधित एक शिकायत
अनिरुद्ध सिंह की पत्नी आईपीएस अधिकारी आरती सिंह से संबंधित एक शिकायत की भी जांच के आदेश दिए गए हैं। एक ट्वीट के जरिए डीजीपी मुख्यालय को इस आरोप का पता चला है कि वाराणसी में पुलिस उपायुक्त के पद पर तैनात आरती सिंह ने फ्लैट मालिक को किराया नहीं दिया है। हालांकि, पूछताछ के बाद पता चला कि वह पहले ही किराए का भुगतान कर चुकी थीं। वाराणसी के पुलिस आयुक्त मामले की जांच करेंगे और तीन दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपेंगे।
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, "उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोजर की दिशा उनकी तरफ बदलेगी या फिर फरार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त बीजेपी सरकार ये मामला भी रफा-दफा करवा देगी। उत्तर प्रदेश की जनता देख रही है कि यह है अपराध के प्रति बीजेपी की झूठी जीरो टॉलरेंस की सच्चाई।"