लखनऊ: यूपी के अयोध्या से बड़ी खबर सामने आई है। अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को मंगलवार को संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई) में भर्ती कराया गया है। आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी है।
क्या है समस्या?
पीजीआई के न्यूरोलॉजी वार्ड के प्राइवेट कक्ष में डॉक्टर प्रकाश चंद्र पांडे की देखरेख में आचार्य दास का इलाज चल रहा है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन ने आचार्य के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी है और बताया है कि आचार्य को कुछ न्यूरोलॉजिकल समस्या का अंदेशा है, जिसकी वजह से उन्हें भर्ती कराया गया है। आचार्य की बुधवार को कुछ आवश्यक जांचे कराई जाएंगी। उन्होंने ये भी बताया कि आचार्य की हालत स्थिर है।
जून में इस बात को लेकर चर्चा में आए थे आचार्य
हालही में आचार्य उस वक्त चर्चा में आए थे, जब जून महीने में राम मंदिर की छत से पहली बारिश में पानी टपकने लगा था। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने इस पर सख्त नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि शनिवार आधी रात को हुई पहली बारिश में गर्भगृह में मंदिर की छत से तेजी से पानी टपक रहा था। सुबह जब पुजारी भगवान की पूजा करने वहां गए तो उन्होंने देखा कि फर्श पर पानी भरा हुआ है, जिसे काफी मशक्कत के बाद मंदिर परिसर से निकाला गया। मंदिर से पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
उन्होंने बताया था कि मंदिर में रामलला के विग्रह के ठीक सामने पुजारी के बैठने की जगह और वीआईपी दर्शन के लिए आने वाले लोगों के स्थान पर छत से बारिश का पानी तेजी से टपकने लगा। बारिश के पानी को निकालने के लिए मंदिर के पदाधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। दास ने संवाददाताओं से कहा, 'बहुत आश्चर्य की बात है कि पूरे देश के ऐसे-ऐसे इंजीनियर यहां आकर राम मंदिर बना रहे हैं। पिछली 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई लेकिन यह किसी को ज्ञान नहीं रहा कि पानी बरसेगा तो छत टपकेगी।'
मुख्य पुजारी ने कहा था कि जो विश्व प्रसिद्ध मंदिर बन रहा हो उसके अंदर छत टपके, यह आश्चर्य की बात है। ऐसा क्यों हुआ? इतने बड़े इंजीनियरों के रहते ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई है। छत से पानी टपकने की घटना की सूचना शीर्ष अधिकारियों को दिए जाने के बाद मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र मंदिर पहुंचे और छतों की मरम्मत तथा ''वाटर प्रूफिंग'' के निर्देश दिए।