लखनऊ: यूपी में बिजली कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने से आमजन को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हड़ताल को लेकर यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि हड़ताल की ये परिस्थितियां पॉलिटिकली मोटिवेटेड दिखाई दे रही हैं क्योंकि जो तर्कसंगत बातें थी वो तो मान ली गयी हैं फिर हड़ताल क्यों। मंत्री ने कहा कि बिजलीकर्मियों की मांग थी 2018-19 से उन्हें बोनस नहीं मिला। तो घाटे के बावजूद हमने 5 साल से नहीं मिल रहा बोनस इस साल का दे दिया है तो जो काम 5 साल से नहीं हुआ वह इस व्यवस्था में हुआ फिर इस व्यवस्था के खिलाफ हड़ताल पर जाने का क्या मतलब है? इसी तरह कैशलेस इलाज की व्यवस्था कर दी गई है। सवाल ये है कि जो 3 साल पहले की बात अगर पूरी नहीं हुई तो 3 महीने में ऐसी क्या जल्दी हो गई। इसलिए ऐसा लगता है कि ये राजनीतिक से प्रेरित है।
हर परिस्थिति से निपटने को हम हैं तैयार
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि हड़ताल को लेकर संगठन से बातचीत जारी है और इसे लेकर जनता को दिक्कत ना हो इसके लिए सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। अब जो भी परिस्थिति आएगी उससे निपटने के लिए हम तैयार हैं। बिजली की डिमांड और सप्लाई में कहीं कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। हालांकि ये जानकारी भी मिल रही है कि बिजली कर्मी जानबूझकर बिजली सप्लाई की व्यवस्था को ध्वस्त करने में लगे हैं। हमने उसके वीडियो भी ट्वीट किए हैं जिसमें दिख रहा कि गन्ने का जो डंठल होता उसे फेंक कर दो तारों को सटाकर बर्स्ट करने की कोशिश की गई है। उसे ठीक करा दिया गया है। लेकिन ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।
डिस्टर्बेंस करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हड़ताल के दौरान किसी भी तरह की कुव्यवस्था की गई तो ऐसा आगे करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। जो लोग ऐसा करेंगे वो कहीं जंगल, आसमान, पाताल कहीं भी हों, उस पर कार्रवाई होगी। SLDC नाम की एक फैसिलिटी है जो पूरे राज्य का काम संभालती है और एक तरह से राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ी संस्था है वहां काम में बाधा डाली गई है। अगर इस तरह बाधा डाली जाएगी तो हमें एक्शन लेना ही पड़ेगा।
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