उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में 2 लाख 70 हजार टीबी मरीजों को सरकारी लेवल पर गोद लेने का काम हुआ है, जिसमें से 70 प्रतिशत मरीज आज रोगमुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मौजूदगी में वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 'वन वर्ल्ड टीबी समिट' में बोल रहे थे।
अब तक 422 करोड़ का भुगतान
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के टीबी रोगियों को पोषण सहायता के लिए प्रदेश सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से अब तक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है। हम यूपी की 25 करोड़ की आबादी को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज हर क्षेत्र में समर्थ बनकर उभरा है। 2.70 लाख टीबी मरीजों को गोद लिया गया है। 70 प्रतिशत रोगमुक्त भी हुए हैं।
तीन दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ल्ड टीबी डे के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन काशी में करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया को हृदय से धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि स्टॉप टीबी कैंपेन की अधिशासी निदेशक डॉ लुशिका के उद्बोधन में ये सभी बातें बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत हुई हैं।
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उन्होंने कहा, "भारत अपने अमृत काल के प्रथम वर्ष में है, ऐसे में पीएम मोदी की अध्यक्षता में भारत को जी-20 का नेतृत्व हासिल हुआ है। देश 2025 तक प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की आबादी के सबसे बड़े राज्य यूपी में कभी देश के 21 फीसदी टीबी रोगी पाए जाते थे। विगत पांच वर्ष में यूपी में 16 लाख 90 हजार टीबी रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से 422 करोड़ का भुगतान डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है।"
'टीबी जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा'
योगी ने कहा, "पीएम आयुष्मान वेलनेस सेंटर में टीबी जांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज पूरे प्रदेश में अलग अलग जनपदों में 80 हजार से अधिक किट युद्धस्तर पर वितरित करने की कार्रवाई चल रही है।"
मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व और उनके मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में बीते 6 साल में प्रत्येक योजनाओं को पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू किया गया है, जो यूपी के 25 करोड़ की आबादी को स्वस्थ रखने के लिए के उद्देश्य से किया गया है। खासतौर पर संचारी रोग, जापानी और एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम को यूपी में 96 प्रतिशत तक समाप्त करने में सफलता हासिल की गई है।
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