Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच चुका है। यहां वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में आ चुका है। इस बीच गोरखपुर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदूषण को लेकर बयान जारी किया है। दरअसल गोरखपुर में दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं ICSSR द्वारा 'पर्यावरण, प्रोद्योगिकी एवं सतत ग्रामीण विकास' के मुद्दे पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इस संगोष्ठी में सीएम योगी ने कहा कि जल, जीव, जन्तु सब पर्यावरण का हिस्सा हैं। दिल्ली एनसीआर में इस समय वातावरण दूषित है। मैंने खुद जाकर देखा है। पराली जलाने के कारण हरियाणा, दिल्ली क्षेत्र में वातावरण प्रदूषित हो गया है।
दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण पर क्या बोले सीएम योगी
उन्होंने संगोष्ठी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमने विकास तो किया लेकिन इस बिसात पर कि ग्रीन कम्पोस्ट से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी लेकिन जलाकर उससे पूरा क्षेत्र जहरीली गैस चैंबर मे तब्दील होता जा रहा है। 2016 मे UNO ने सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए। इसके तहत 16 गोल्स को निर्धारित किया गया, जिन्हें प्राप्त करना हर मानव जाति के लिए जरूरी बताया गया। इन गोल्स में शिक्षा,रोजगार के साथ पर्यावरण भी एक हिस्सा है। दुनिया के देश जो समुद्र से जुड़े हुए है, उनपर यह ज्यादा लागू होता है। भारतीय समाज पर्यावरण के प्रति हमेशा से जागरूक रहा है। यह धरती हमारी माता है,यह कहा जाता रहा है।
दिल्ली बनी गैस चेंबर
बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर इतना बद्तर हो गया है कि खुले सांस ले पाना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 3 को लागू कर दिया गया है। इसके तहत कुछ नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। इन नियमों के लागू होने के साथ ही अगर दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर बीएस3 पेट्रोल इंजन और बीएस 4 डीजल इंजन वाहन पाए जाते हैं तो उनको 20 हजार रुपये तक का चालान भरना होगा। इस बीच दिल्ली में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली मेट्रों के अतिरिक्त फेरे लगवाए जा रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में आज एक्यूआई 400 के पार है, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है।