अयोध्याः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव के लिए चंद्रभान पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है। चंद्रभान के अलावा कई नेता यहां से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी दलित समुदाय से आने वाले नेता को अपना कैंडिडेट घोषित किया। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गोरखनाथ को टिकट दिया था लेकिन इस बार उनको टिकट नहीं मिला। इस बार भी गोरखनाथ समेत आधा दर्जन नेता प्रत्याशी बनने की दौड़ में शामिल थे।
कौन हैं चंद्रभान पासवान?
बीजेपी नेता चंद्रभान पासवान मुख्य रूप से मिल्कीपुर के रहने वाले हैं। वे मिल्कीपुर क्षेत्र के ग्राम परसौली के रहने वाले हैं। इनके पिता का नाम रामलखन है। वह पेशे से अधिवक्ता हैं। उनकी पत्नी कंचन पासवान दो बार से रुदौली से जिला पंचायत सदस्य हैं। पासवान पिछले दो वर्षों से मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर सक्रिय थे। इस समय चंद्रभान पासवान भाजपा जिला कार्य समिति के सदस्य भी हैं।
पासी समाज से आते हैं चंद्रभान
समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद की तरह ही चंद्रभान पासवान युवा नेता हैं। अजीत प्रसाद की तरह ही चंद्रभान भी पासी समाज से है। चंद्रभान पासवान के पास राजनीति का अनुभव है, क्योंकि वे दो बार रुदौली से जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। मौजूदा समय में उनकी पत्नी भी जिला पंचायत सदस्य हैं।
साड़ी के व्यापार में सक्रिय है परिवार
चंद्रभान पासवान का परिवार मुख्य रूप से सूरत में व्यवसाय करता है। इनका पूरा परिवार साड़ी के व्यापार में सक्रिय है। परिवार के लोग रुदौली में भी साड़ी का कारोबार करते हैं। चंद्रभान एक शोरूम के मालिक हैं।
दिलचस्प हुआ मिल्कीपुर का उपचुनाव
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट से बीजेपी ने पासी विरादरी के प्रत्याशी को मैदान में उतारकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है, जो कि पासी समाज से ही आते हैं। मिल्कीपुर सीट पर कांग्रेस और बसपा ने प्रत्याशी न उतारने का फैसला लिया है, लिहाजा इस हाई-प्रोफाइल सीट पर सीधी टक्कर समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच ही है।
बता दें कि इस सीट पर बीजेपी की तरफ से पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने भी दावेदारी की थी, लेकिन प्रतिष्ठा का सवाल बनी इस सीट पर बीजेपी ने नए चेहरे को मौका देकर सभी को चौंका दिया है। सपा के अवधेश प्रसाद ने 2022 में इस सीट से विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन पिछले साल लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था।
रिपोर्ट- अखंड प्रताप सिंह और अरविंद गुप्ता