नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के साथ ही साथ महाराष्ट्र और झारखंड में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभाओं वाली सीटों पर हार-जीत का आंकड़ा उनका आगे का राजनीतिक कद तय करेगा। तीनों ही राज्यों में सीएम योगी के नारे "बंटोगे तो कटोगे" की सबसे ज्यादा चर्चा रही है। दावा है कि हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों में सीएम योगी के इस नारे ने भाजपा को हैट्रिक लगाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। लिहाजा योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद फायरब्रांड हिंदुत्व के दूसरे बड़े राष्ट्रीय चेहरे के रूप में देखा जाने लगा है।
बता दें कि यूपी के अलावा महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ ने अपनी रैलियों में "बंटोगे तो कटोगे" के संदेश को प्रमुखता से लोगों के बीच पहुंचाया था। इसे लेकर विपक्ष की बेचैनी भी बढ़ गई थी। ऐसे में अगर महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी नतीजे भाजपा के पक्ष में आते हैं तो इससे राष्ट्रीय स्तर पर यूपी के सीएम योगी का कद और बढ़ना तय माना जा रहा है।
यूपी में दांव पर प्रतिष्ठा
वहीं यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी सीएम योगी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य में भाजपा के लचर प्रदर्शन के बाद सीएम योगी की वह धमक कम हो गई है, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। ऐसे में उपचुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री योगी की धमक को वापस लाने और पार्टी के शीर्ष नेताओं का भरोसा दोबारा कायम करने के लिहाज से काफी मायने रखते हैं। इसलिए यूपी के 9 विधानसभा सीटों के चुनावी परिणाम इनकी प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं।