लखनऊ: उत्तर प्रदेश उप चुनाव के लिए प्रदेश की जिन 9 सीटों पर बुधवार को मतदान हुआ था उनमें एक विधानसभा सीट मीरापुर भी है। यहां मतदान के दौरान मतदाताओं को डराने, धमकाने और वोट देने से रोकने का आरोप समाजवादी पार्टी ने लगाया है। अब समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर मीरापुर विधानसभा सीट के 52 बूथों पर पुनर्मतदान की मांग की है।
वोटरों को रोका गया-सपा
समाजवादी पार्टी द्वारा ककरौली के थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाया गया है। पार्टी की ओर से चुनाव आयोग को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि ककरौली थानाध्यक्ष ने लोगों को गोली मारने की धमकी देकर वोट देने से रोका, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। सपा ने अपनी चिट्ठी में भोपा के थानाध्यक्ष पर भी सपा के पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया गया है। सपा ने ककरौली के इंस्पेक्टर पर भी मतदाताओं को वोट देने से रोकने का आरोप लगाया है।
पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग
सपा ने अपनी चिट्ठी में ककरौली के 52 बूथों पर पुनर्मतदान कराने और ककरौली के थानाध्याक्ष को गिरफ्तार कर उनकी सेवा समाप्त करने के साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की है। बता दें कि बुधवार को वोटिंग के बाद सपा ने निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए सपा ने भाजपा पर मतदान में धांधली का आरोप लगाया था। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि सपा के कार्यकर्ता ‘गुंडागर्दी’ कर रहे हैं। साथ ही साथ महिलाएं और पुरुष भी बुर्का पहनकर ‘फर्जी मतदान’ कर रहे हैं।
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में आयोजित प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि भाजपा उपचुनाव जीतने के लिए वोट के बजाय 'बेईमानी' पर भरोसा कर रही है। उन्होंने दावा किया, ''हमने करहल, सीसामऊ, मीरापुर, कुंदरकी और फूलपुर, मझवां सहित विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में अनियमितताओं के बारे में शिकायतें दर्ज कराई हैं।
जोड़-तोड़ के जरिए जीतना चाहती है बीजेपी-सपा
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया, ''भाजपा इन उपचुनावों को वोट के जरिए नहीं बल्कि जोड़-तोड़ के जरिए जीतना चाहती है। हार के डर से भाजपा प्रशासन पर अनुचित तरीके से काम करने का दबाव बना रही है।'' उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने सपा की पिछली शिकायतों के जवाब में निर्वाचन आयोग के निर्देशों का भी हवाला दिया और कहा कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि पुलिस किसी को नहीं रोक सकती, तलाशी नहीं ले सकती या पहचान पत्र नहीं देख सकती । अखिलेश यादव ने भाजपा पर अपने समर्थकों की उदासीनता की भरपाई के लिए विपक्षी मतदाताओं को मतदान करने से रोकने का आरोप लगाया था। यादव ने जोर देकर कहा कि भाजपा की हताशा सत्ता पर उसकी पकड़ कमजोर होने का संकेत देती है। उन्होंने कहा, "उनका सिंहासन हिल रहा है और वे घबराए हुए हैं क्योंकि जनता और उनके अंदरूनी गुट दोनों ही उनके खिलाफ हैं।"