लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बुधवार शाम पांच बजे तक लगभग 49.3 प्रतिशत वोट पड़े। प्रदेश की कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी सीट पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। चुनाव आयोग के मुताबिक, शुरू में धीमी रफ्तार के बाद मतदान में तेजी आयी। हालांकि शाम पांच बजे तक करीब 49.3 फीसदी वोट पड़े। गाजियाबाद में सबसे कम सिर्फ 33 प्रतिशत मतदान हुआ। कुंदरकी में 57.7 प्रतिशत और मीरापुर में 57.1 प्रतिशत मतदान की खबर है।
जानें किस सीट पर कितना मतदान
- मीरापुर - 57.1प्रतिशत
- कुंदरीकी - 57.7प्रतिशत
- गाजियाबाद - 33.3प्रतिशत
- खैर - 46.3 प्रतिशत
- सीसामऊ - 49.1 प्रतिशत
- फूलपुर - 43.4 प्रतिशत
- कटेहरी - 56.9 प्रतिशत
- मझंवा - 50.4प्रतिशत
- करहल -54.1 प्रतिशत
किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं
चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ और कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आयी। मगर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक समाचार चैनल का वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘‘कुछ पुलिस अधिकारी पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। ये मतदाताओं को धमका रहे हैं और उन पर हाथ भी उठा रहे हैं। लाठी मारने की धमकी भी दे रहे हैं। साथ ही समाचार चैनल तक को धकेलकर अपना रौब जमा रहे हैं। ऐसे अधिकारी की पहचान की जाए और तत्काल निलंबित किया जाए।’’
पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड
पुलिसकर्मियों द्वारा कुछ स्थानों पर मतदाताओं के पहचान पत्रों की जांच करके उन्हें परेशान करने की शिकायतों के बीच, प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बताया कि शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए चुनाव ड्यूटी पर तैनात पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। रिणवा ने कहा, ''निलंबित पुलिसकर्मियों में कानपुर और मुजफ्फरनगर में दो-दो और मुरादाबाद का एक पुलिसकर्मी शामिल है। हम सभी शिकायतों पर संज्ञान लेते हैं और तुरंत उसका सत्यापन करते हैं, जिसके बाद कार्रवाई की जाती है।'' उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसा नहीं है कि निर्वाचन आयोग शिकायतों का संज्ञान नहीं लेता। रिणवा ने कहा, ''यह स्पष्ट कर दिया गया है कि केवल चुनाव अधिकारी ही मतदाताओं के पहचान-पत्रों की जांच करेंगे, मतदान केंद्र के बाहर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी नहीं। वे सुरक्षा जांच के लिए अपनी ड्यूटी कर सकते हैं। भविष्य में भी अगर मतदाताओं को मतदान करने से रोकने की कोई शिकायत मिलती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।''
चुनाव मैदान में कुल 90 उम्मीदवार
जिन नौ सीट पर उपचुनाव हो रहा है उनमें से आठ सीट मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उनके विधानसभा से इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द किये जाने के चलते उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। वहीं, सबसे कम पांच-पांच उम्मीदवार खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन सभी का चुनावी भाग्य आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गया।
कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीट पर सपा ने जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर सीट पर कब्जा जमाया था। मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के पास थी, जो अब भाजपा की सहयोगी है। कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की अपनी सहयोगी सपा का समर्थन कर रही है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अपने दम पर सभी नौ सीट पर चुनाव लड़ रही है। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीसामऊ को छोड़कर सभी सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। (इनपुट-भाषा)