Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. उत्तर प्रदेश
  3. यूपी: गायों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, जनवरी 2024 से सड़कों पर घूमती नहीं दिखेंगी, ये है पूरा मामला

यूपी: गायों को लेकर योगी सरकार का बड़ा फैसला, जनवरी 2024 से सड़कों पर घूमती नहीं दिखेंगी, ये है पूरा मामला

आज से यूपी में योगी सरकार 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाकर खुली घूम रही गायों को 'गो संरक्षण केंद्र' पहुंचाएगी। यानी अब गाय आपको सड़कों पर घूमते हुए नहीं दिखेंगी। इसके लिए सरकार द्वारा बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

Reported By : Ruchi Kumar Edited By : Rituraj Tripathi Published : Nov 01, 2023 16:42 IST, Updated : Nov 01, 2023 16:48 IST
Cow
Image Source : PTI/FILE जनवरी 2024 से सड़कों पर नहीं दिखेंगी गाय

लखनऊ: यूपी में जनवरी 2024 से सड़कों पर गाय घूमती नही दिखेंगी। आज से योगी सरकार 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाकर खुली घूम रही गायों को 'गो संरक्षण केंद्र' पहुंचाएगी। योगी सरकार के पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि पहले कसाई को देखकर गाय कांपती थी लेकिन अब गाय देखकर कसाई कांप रहे हैं।

यूपी में 6943 गो संरक्षण केंद्र

यूपी में अभी 6943 गो संरक्षण केंद्र हैं। जिनमें 12,11,247 गोवंश रखे गए हैं। इसके बावजूद सड़कों पर गाय दिखाई दे रही हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि अब दो महीने के अभियान के बाद लोगों को इस समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।

यूपी में 2017 में योगी सरकार बनने के बाद अवैध बूचड़खानों के खिलाफ सख्ती की गई। नतीजा ये हुआ कि गाय सड़कों और खेतों में आ गई। योगी सरकार ने गो आश्रय स्थल बनाए, जिसमें खुली घूम रही गायों को वहां पहुंचाया भी गया लेकिन अभी समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। सख्ती के बावजूद गाय सड़कों पर घूम रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी करीब ढाई लाख गोवंश सड़कों पर हैं। हालांकि सरकार भी मानती है कि हकीकत में ये संख्या दुगनी से ज़्यादा है।

यूपी में शुरू हुआ अभियान

सड़क पर घूम रही गायों को पकड़ने के लिए आज से पूरे यूपी में अभियान शुरू हुआ है। लखनऊ में नगर निगम की करीब एक दर्जन टीम सड़कों पर हैं और गायों को पकड़कर गो संरक्षण केंद्र पहुंचाया जा रहा है।

साल 2017 में यूपी में योगी सरकार बनने के बाद अब तक गाय संरक्षण में सरकार करीब 1900 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

  • यूपी में 6889 गौ आश्रय स्थल हैं।
  • इनमें 6346 गांवो में और 543 शहरों में हैं।
  • 6889 गौ आश्रय स्थल में 11,82,949 यानी करीब 12 लाख गायों की देखभाल की जा रही है।
  • करीब 1 लाख 54 हजार छुट्टा गायों को सीएम निरक्षित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना का फायदा दिया गया है। इस योजना में सरकार गाय पालने वालों को 30 रुपए हर गाय पर देती है।
  • उत्तर प्रदेश में 2017 में योगी सरकार आने के बाद गौ संरक्षण के लिए कड़ा कानून बनाया गया। कानून के मुताबिक गौ हत्या पर दस साल तक की सज़ा, तीन लाख से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना है। लेकिन कड़े कानून के बावजूद जिलों में गोकशी और गोतस्करी के आरोप में लोग पकड़े जा रहे हैं।
  • योगी सरकार के छह सालों में अब तक गोवध अधिनियम में करीब  21 हज़ार अपराध हुए।
  • 60 हज़ार से ज़्यादा अपराधी पकड़े गए।
  • करीब एक लाख गौ वंश मुक्त कराए गए।

यूपी में गोवध अधिनियम के तहत हुए अपराध

  • 2017 में 2947 अपराध हुए, जिसमें 7843 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हुई। 19,944 गौ वंश मुक्त कराए गए।
  • 2018 में 3261 अपराध हुए, 9182 अपराधी पकड़े गए, 15,334 गौ वंश मुक्त कराए गए।
  • 2019 में 6742 अपराध हुए, 20092 अपराधी पकड़े गए, 29712 गौ वंश मुक्त कराए गए।
  • 2020 में गोवध  अधिनियम में 2629 अपराध हुए, 7039 अपराधी पकड़े गए और 13243 गौ वंश मुक्त कराए गए।
  • 2021 में 2528 अपराध हुए, 6069 अपराधी पकड़े गए, 12617 गौ वंश मुक्त कराए गए।
  • 2022 में  2188 अपराध हुए, 6667 अपराधी पकड़े गए, 10104 गौ वंश मुक्त कराए गए।
  • 2023 में अभी तक 200 से ज़्यादा अपराध हो चुके हैं, 500 से ज़्यादा लोग पकड़े गए, 1000 से ज़्यादा गौ वंश मुक्त कराए गए।

गौ तस्करी और गोकशी कैसे होती है?

गो वंश के साथ दो तरह के अपराध होते हैं। पहले तरह के अपराधी गोवंश को काट देते हैं और खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। दूसरे टाइप के अपराधी गोवंश के साथ क्रूरता करते हैं। गौ तस्करी के लिए कई एक्सपर्ट वाहन चालक होते हैं और वह कुछ रूटों पर ज्यादा तस्करी करते हैं। जो बार-बार ऐसा काम करते हैं, उनके खिलाफ गैंगस्टर में कार्रवाई होती है। कुछ हॉटस्पॉट हैं जहां बार-बार ऐसे मामले सामने आते हैं।

गोवंश का वध पूरी तरह प्रतिबंधित है। समय-समय पर पुलिस अभियान चलाती है। कुछ केस में धार्मिक माहौल खराब होता है। वहां पुलिस और गंभीर धारा में कार्रवाई करती है। इंडो बांग्लादेश बॉर्डर पर तस्करी होती है। कहीं कही हांक कर ले जाया जाता है। गोवंश ले जाने वाले लोग कुछ मीट फैक्ट्री को गलत तरह से सप्लाई करते हैं। अगर गायें कृषि योग्य नहीं हैं और दुधारू नहीं हैं तो कुछ लोग उन्हे बेच देते हैं। गाय की तस्करी से लोग मोटा पैसा कमाते हैं।

अब लोकसभा चुनाव के पहले योगी सरकार और ज्यादा गौशाला खोलने जा रही है, जिससे छुट्टा जानवर चुनाव में मुद्दा न बने। शहर-शहर अभियान चलाकर सड़कों पर घूम रही गायों को गो आश्रय स्थल पर पहुंचाया जा रहा है। 

 ये भी पढ़ें: 

यूपी: बीजेपी विधायक की लापता पत्नी मिलीं, बेटे ने दर्ज कराई थी FIR, जानें पूरा मामला

यूपी में सबसे पुराना शहर कौन सा है?

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें उत्तर प्रदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail