उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासत चरम पर है। बसपा और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) में इन 10 सीटों के लिए काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है। बसपा ने जहां लंबे समय के बाद उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है तो वहीं लोकसभा में सफलता मिलने के बाद चंद्रशेखर आजाद भी चुनावी मैदान में कूद चुके हैं। मायावती ने जहां दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है वहीं आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने गाजियाबाद सदर सीट से चौधरी सतपाल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से जाहिद हसन और मिर्जापुर की मझवां सीट से धीरज मौर्या को अपना प्रत्याशी बनाया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह जल्द ही बाकी सभी सात सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करेगी।
मायावती ने चला है बड़ा दांव
बसपा ने मिल्कीपुर और मीरापुर से अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, जिसमें मायावती ने मिल्कीपुर से रामगोपाल कोरी को टिकट दिया है तो वहीं मीरापुर से चंद्रशेखर आजाद के करीबी शाह नजर को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया है। शाह नजर फिलहाल बसपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और वह पहले चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से जुड़े रहे हैं। ऐसे में मीरापुर में मायावती ने चंद्रशेखर के करीबी को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया है।
तारीखों का ऐलान नहीं
चुनाव आयोग ने फिलहाल उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान तो नहीं किया है लेकिन इसे लेकर सियासी दांवपेंच चल रही है। बता दें कि उपचुनाव के लिए खाली हुई 10 सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं तो वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं। मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी।