
देश के विभिन्न हिस्सों में इस वक्त मुगल शासक औरंगजेब को लेकर विवाद हो रहा है। इस विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बड़ी बात कही है। सीएम योगी ने कहा है कि भारत की विरासत पर हमला करने वाले और देश के लोगों का अपमान करने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन करना देशद्रोह के बराबर है। आइए जानते हैं कि सीएम योगी ने और क्या कुछ कहा है।
क्या बोले सीएम योगी?
दरअसल, सीएम योगी गुरुवार को बहराइच के मिहींपुरवा (मोतीपुर) के मुख्य भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा- "किसी भी आक्रांता का महिमामंडन करने का मतलब देशद्रोह की नींव को पुख्ता करना है। स्वतंत्र भारत किसी देशद्रोही को स्वीकार नही कर सकता। जो भारत के महापुरुषों को अपमानित करता हो, उन आक्रांताओं का महिमामंडन करता हो, जिन्होंने भारत की सनातन संस्कृति को रौंदने का काम किया था, हमारी आस्था पर प्रहार किया था, उसे आज का नया भारत कतई स्वीकार नही कर सकता।"
महाराज सुहेलदेव का भी जिक्र
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में महाराज सुहेलदेव का भी जिक्र किया। सीएम योगी ने कहा- "महाराज सुहेलदेव के पराक्रम और शौर्य की परिणति थी कि 150 वर्ष तक कोई विदेशी आक्रांता भारत पर हमला करने का दुस्साहस नहीं कर पाया।"
क्यों हो रहा है औरंगजेब पर विवाद?
दरअसल, औरंगजेब को लेकर विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र में हुई। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि औरंगजेब कोई क्रूर शासक नहीं था। उसके शासन के दौरान भारत की जीडीपी 24% थी और देश सोने की चिड़िया था। अबु आजमी ने कहा था कि इतिहास में कई गलत चीजे बताई गई हैं। अबू आजमी के बयान के बाद हंगामा शुरू हो गया। उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ और उन्हें पूरे सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की जाने लगी। इसी क्रम में नागपुर में VHP के प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब के पुतले का दहन किया गया। लेकिन अफवाह ये फैल गई कि प्रदर्शन के दौरान एक विशेष समुदाय के धर्म ग्रंथ को जलाया गया। इसके बाद 17 मार्च की रात नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई। एक पक्ष के लोगों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ गया। इस हिंसा के मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और बड़ी संख्या में आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
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