प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में राजू पाल हत्याकांड मामले के इकलौते गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अतीक अहमद के परिवार के सभी सदस्यों को प्रयागराज पुलिस ने आरोपी बनाया है। साथ ही पुलिस ने इस मामले में एक बदमाश को एनकाउंटर में मार गिराया है। इसी कड़ी में प्रयागराज पुलिस के सूत्रों की माने तो उमेश पाल हत्याकांड में शूटर्स लगातार फरवरी के महीने से उमेश पाल की रेकी कर रहे थे। इसके बाद 24 फरवरी के दिन उमेश पाल की धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
मुख्तार गैंग कर मदद
जानकारी के मुताबिक उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग पहले से ही की जानी थी लेकिन वे उस दिन दोनों गनरों के बीच बैठे हुए थे। वहीं एक दूसरे दिन गुड्डू मुस्लिम नहीं आ पाया। हत्या का प्लान इसी वजह से उस दिन टाला गया। फिर अतीक के इशारे पे जब असद ने कमान संभाली तब जाके इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। इस हत्याकांड को एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन अब भी बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। लेकिन पुलिस सूत्रों की माने तो मुख्तार अंसारी गैंग के लोगों द्वारा असरद और उनके साथी शूटर्स को भागने में मदद की गई है। बताया जा रहा है कि मुख्तार का का गैंग ही अतीक के गुर्गों को भागने व छिपने में मदद कर रहा है।
पुलिस से हुई चूक
वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि उमेश पाल की हत्या के मामले मे लोकल पुलिस की बड़ी चूक सामने हुई है। वारदात के बाद सभी शूटर अपने ठिकानो पे गए थे और अपने घर से सामान भी लिया। सूत्रों के मुताबिक रात 8 बजे तक वारदात के बाद असद समेत सभी शूटर्स प्रयागराज मे ही थे। रात 8 बजे के बाद ही सब अपनी जगहों से अलग भागे हैं। सूत्रों की माने तो अरमान, असद, गुलाम और गुड्डू मुस्लिम की लेट पहचान भी पुलिस के लिए सरदर्द बनी और तब तक आरोपी सेफ जगह भाग निकले। असद के लखनऊ होते हुए बहराइच के रास्ते किसी सेफ ठिकाने की बात भी सामने आ रही है। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि असद नेपाल भाग चुका है
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