प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। अतीक और उसके भाई अशरफ के खिलाफ वारंट बी जारी हुआ है, जिसके तहत उसे साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है। अतीक और उसके भाई अशरफ दोनों को उमेश पाल हत्याकांड में कोर्ट में पेश किया जाना है, जिसके लिए एक बार फिर से अतीक को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है। अतीक अहमद के खिलाफ वारंट बी 8 अप्रैल को ही जारी हुआ था जिसके अनुसार एक हफ्ते में अतीक को प्रयागराज न्यायालय में पेश करना होगा यानी 15 अप्रैल तक अभियोजन चाहे तो अर्जी देकर इसकी मियाद बढ़वा भी सकता है।
अतीक ने लगाया आरोप-ये लोग मुझे मारना चाहते हैं
यूपी पुलिस अतीक को साबरमती जेल से प्रयागराज के लिए निकल चुकी है। पुलिस उसे पुराना रूट से ही ला रही है। उसे उदयपुर से झांसी होते हुए प्रयागराज लाया जा रहा है। इस बीच अतीक ने यूपी पुलिस पर आरोप लगाया है कि ये लोग मुझे मारना चाहते हैं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी तो पेशी हो सकती थी।
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यूपी के थाना धूमनगंज में कुख्यात माफिया अतीक अहमद, अली, पुत्र अतीक अहमद, असाद कालिया, शकील, शाकिर, सबी अब्बास, फैजान, सैफ, नामी, अफ्फान, महमूद, माऊद एवं असलम मंत्री (अतीक अहमद का चचेरा भाई) के विरुद्ध धारा 147/148/149/307/386/286/504/506/120-बी भादवि का मुकदमा पंजीकृत किया गया है। अभी सिर्फ अतीक को प्रयागराज लाने की तैयारी है। अशरफ को ज़रूरत के मुताबिक बाद में ला सकती है प्रयागराज पुलिस।
माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज लाने के लिए यूपी पुलिस की टीम साबरमती जेल पहुंच गई है। साबरमती जेल से लाने के बाद अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज लाकर कोर्ट मे ंपेश किया जाएगा।
अतीक के बेटे के बारे में मिली ये जानकारी
पुलिस सूत्र यह भी बताते हैं कि अतीक के बेटे असद के साथ एक शूटर भी है और वो लगातार उसके साथ है और दोनों एक साथ ही छिपे हैं। अतीक जानता है कि असद स्वभाव से बेहद गुस्सैल है। ऐसे में शूटर ग़ुलाम साए की तरह उसके साथ ही है कि कहीं असद की कोई गलती उसको सलाखों तक या पुलिस तक न पंहुचा दे।
जानकारी के मुताबिक असद अहमद व शूटर गुलाम को दिल्ली में एनकाउंटर होने का डर सता रहा था। असद नई दिल्ली में तीन-चार हथियार हमेशा अपने पास रखता था। सूत्रों की मानें तो असद अहमद गुलाम के साथ हथियार समेत फरार हुआ है।असद यूपी से बस के जरिए दिल्ली पहुंचा था और फिर उसके बाद बस अड्डे से ऑटो कर असद और गुलाम दोनों संगम विहार गए थे। ये भी पता चला है कि दिल्ली में रहने के समय असद ने कभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया था वह अपने साथियों के फोन से कई जगह बात करता था।