प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में हुए उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने इस मामले में LLB के एक छात्र सदाकत खान को गिरफ्तार किया है। सूबे के गाजीपुर जिले का रहने वाला खान मुस्लिम हॉस्टल में रहता था। पुलिस के मुताबिक, इसी हॉस्टल में विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई थी। बता दें कि पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों पर इनाम घोषित कर दिया है और ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।
सदाकत खान को डिवाइडर से लगी चोट
LLB के छात्र सदाकत खान ने पुलिस के देखकर भागने की कोशिश की थी, लेकिन इस दौरान डिवाइडर से टकराकर घायल हो गया। इस मामले में पुलिस की 10 टीमें लगातार छापे मार रही हैं, और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय विधिज्ञ परिषद के आह्वान पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता उमेश पाल की नृशंस हत्या के विरोध में सोमवार को दोपहर साढ़े बारह बजे के बाद न्यायिक कार्य से विरत रहे। उमेश पाल एक वकील भी थे और बार एसोसिएशन के सदस्य भी थे।
अतीक की पत्नी ने की CBI जांच की मांग
माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने उमेश पाल की दिनदहाड़े हुई हत्या की जांच CBI से कराने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में शाइस्ता परवीन ने कहा है कि शुक्रवार की घटना अत्यंत दुखद और निदंनीय है। उन्होंने लिखा है, ‘इस घटना को लेकर उमेश पाल की पत्नी की ओर से मेरे पति अतीक अहमद, मेरे देवर खालिद अजीम उर्फ अशरफ, मुझे और मेरे बेटों समेत 9 लोगों को नामजद करते हुए 9 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।’
‘मेरा बेटा अली शूटर नहीं, आरोप निराधार’
पत्र में कहा गया है, ‘FIR में मेरे पति, देवर और बेटों पर षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है, और CCTV फुटेज के आधार पर मेरे बेटे अली को शूटर बताया गया है जबकि यह आरोप बिल्कुल निराधार है। सत्यता यह है कि जबसे बसपा ने मुझे प्रयागराज से महापौर का उम्मीदवार घोषित किया है, तबसे यहां के एक स्थानीय नेता और आपकी सरकार में कैबिनेट मंत्री ने महापौर का पद अपने पास बनाए रखने के लिए हमारे खिलाफ साजिश करना शुरू कर दिया और इसी साजिश के तहत एक ऐसे व्यक्ति की हत्या करवाई गई जिसका आरोप मेरे पति पर लगना स्वभाविक है।’
‘राजू पाल हत्याकांड में गवाह नहीं थे उमेश पाल’
शाइस्ता परवीन ने आगे लिखा है, ‘उमेश पाल, राजू पाल हत्याकांड में गवाह नहीं थे, बल्कि वह धूमनगंज थाना में दर्ज अपहरण के मुकदमे में वादी थे जिसमें उनकी गवाही 16 और 17 अगस्त, 2016 को दर्ज हो चुकी है। चूंकि प्रयागराज पुलिस पूरी तरह से आपके मंत्री के दबाव में काम कर रही है इसलिए रिमांड के बहाने एक साजिश के तहत मेरे पति और देवर को जेल से बुलाकर रास्ते में उनकी हत्या कराई जा सकती है।’