प्रयागराज: उमेश पाल की हत्या में शामिल अपराधियों की धर पकड़ जारी है। पुलिस माफिया अतीक अहमद के बेटे की तलाश कर रही है। अतीक अहमद की पत्नी की गिरफ्तारी के लिए ईनाम घोषित किया गया है। इन सबके बीच अब बरेली जेल के डीआईजी जल्द पूरी रिपोर्ट सौंपेंगे कि कैसे उमेश पाल की हत्या की प्लानिंग की गई थी। उसकी हत्या की प्लानिंग 11 फरवरी को बरेली सेंट्रल जेल में ही बन गई थी और ठीक उसके 13 दिन बाद यानी कि 24 फरवरी को हत्या को अंजाम दिया गया था। बरेली जेल की CCTV फुटेज और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद की गई पूछताछ में यह पूरा खुलासा हुआ है।
बता दें कि बाहुबली अतीक अहमद का पूर्व विधायक भाई अशरफ पिछले ढाई साल से बरेली सेंट्रल जेल में बंद है और अतीक अहमद साबरमती जेल में सजा काट रहा है। उसके नाबालिग बेटों को बाल सुधार गृह में रखा गया है जबकि हत्या में शामिल उसके बेटे की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है। उसके नेपाल भागने की भी आशंका है।
बरेली जेल में अशरफ से गुर्गों ने की थी मुलाकात
पूछताछ में हुए खुलासे के मुताबिक 11 फरवरी को बरेली जेल में अशरफ से उसके गुर्गों ने खास मुलाकात की थी और फिर 24 फरवरी को प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की गोली और बम बरसा कर हत्या कर दी गई थी। राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ भी आरोपी हैं।
बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ की धाक चलती थी जिसकी वजह से उससे जेल में मुलाकात करने वालों की लंबी लिस्ट मिली है। जानकारी के मुताबिक एक ही आईडी पर उससे सात-सात लोग मुलाकात करते थे। इस खुलासे के बाद की गई कार्रवाई में अभी तक बरेली जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी, कैंटीन में फल और सब्जी पहुंचाने वाला दयाराम उर्फ नन्हे, राशिद और फुरकान अरेस्ट किए जा चुके हैं। राशिद और फुरकान दोनों ही बिना पर्ची और आईडी के जेल में अतीक अहमद के भाई अशरफ से मिलते थे।
अतीक के बेटे की फर्जी आईडी होती थी इस्तेमाल
उनका खौफ या धाक ऐसी थी कि जेल के गेट से लेकर अंदर तक कोई राशिद और फुरकान को रोकता नहीं था। ऐसे ही 11 फरवरी को एक आईडी पर सात लोग बरेली जेल में अशरफ से मिले थे और यह आईडी भी फर्जी निकली है। अतीक के बेटे असद की फर्जी आईडी का इसके लिए इस्तेमाल किया गया था। अशरफ से उसके साले सद्दाम और लल्लागद्दी से जेल के अधिकारी और कर्मचारी अवैध तरह से मिलवाते थे।
प्रयागराज में पकड़े गए आरोपी के मोबाइल से पता चला कि बरेली जेल से वॉट्सऐप कॉल की गई, जिसके बाद बरेली जेल में छापा मारा। 27 फरवरी को डीेएम और डीआईजी ने बरेली जेल पर छापा मारा था और बैरक की चेकिंग कराई गई थी। जांच में पता चला की बिना आईडी और पर्ची के जेल में मुलाकात कराई जाती थी। जेल में इसके लिए अलग से जगह दी गई थी। जिसके बाद अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में पहुंचा दिया गया है।
डीआईजी जेल सौंपेंगे रिपोर्ट
डीआईजी जेल आरएन पांडे ने शनिवार को बरेली जेल में छापा मारा। जहां कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए। इसके बाद दर्ज की गई एफआईआर में यह भी शामिल है कि पैसे लेकर बरेली जेल में अतीक के भाई अशरफ से मुलाकात होती थी, इसमें सिपाही से लेकर अधिकारी तक मिले हुए थे। मुलाकात के बदले काफी रकम ली जाती थी। छापेमारी और अशरफ के गुर्गों सहित इस पूरे मामले में डीआईजी जेल जल्द ही शासन को अपनी रिपोर्ट सोंपेंगे।
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