अलीगढ़ शहर कोतवाली में बीते शुक्रवार को दरोगा की लाइसेंसी पिस्टल से जिस महिला के सिर में गोली लगी थी बीती रात उसकी मौत हो गई। कोई अनहोनी न हो इसलिए मेडिकल कॉलेज से पोस्टमार्टम तक पुलिस फोर्स तैनात किया गया। जानकारी दे दें कि कोतवाली में शुक्रवार दोपहर तुर्कमान गेट निवासी इशरत निगार को एसआई की पिस्टल से चली गोली लगने के बाद मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनका इलाज कर रही थी।
5 दिन तक लड़ती रही महिला
बीते मंगलवार को महिला का करीब 2 घंटे तक ऑपरेशन चला था। जिसमें सिर से एक मेटेलिक टुकड़ा भी निकाला गया था। पर ऑपरेशन के बाद भी महिला की हालत में कोई सुधार नहीं आया है। उल्टे महिला की हालत और अधिक बिगड़ती चली गई। इशरत मेडिकल कॉलेज में 128 घंटे यानी 5 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझती रहीं। फिर बुधवार देर रात डाक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। मौत के खबर सुनते ही परिजन रोने बिलखने लगे।
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि तुर्कमान गेट चौकी क्षेत्र के हड्डी गोदाम इलाके की 55 वर्षीय इशरत निगार अपने बेटे ईशान संग पासपोर्ट वेरीफिकेशन के लिए कोतवाली गई थीं। तभी वहां भुजपुरा चौकी के प्रभारी दरोगा मनोज शर्मा खड़े-खड़े अपना पिस्टल चेक करने लगे और ट्रिगर दबा दिया, जिससे गोली सीधे महिला की कनपटी पर जा लगी। घटना के बाद लोगों ने जमकर हंगामा किया। इसी बीच मौका पाकर दरोगा भागने में कामयाब हो गया। फिर पुलिस ने बेटे की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया।
आरोपी दरोगा का पोस्टर जारी
बीते सोमवार को दरोगा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया था। मंगलवार को पुलिस ने उस पर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया। बुधवार को उसका पोस्टर जारी कर कई जिलों में भेजा गया। उधर, पुलिस ने वारदात के समय दरोगा को पिस्टल देने वाले आरक्षी सुदीप कुमार को भी जेल भेज दिया है।
ये भी पढ़ें: