उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गंगा नदी में डूबे स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव का शव 9 दिन बाद गंगा बैराज के गेट में फंसा मिला। पछले 9 दिनों से उनकी बॉडी की तलाश की जा रही थी। वह बिल्हौर में नानामऊ घाट में नहाते वक्त बह गए थे। सोमवार सुबह गोताखोरों की टीम ने उनका शव गंगा बैराज से बरामद किया।
डूबते समय वहां मौजूद स्थानीय तैराक ने उन्हें बचाने के लिए 10 हजार रुपये की मांग भी की। जब तक ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए गए, तब तक वह डूब गए। शव की खोज में कई दिनों से उनकी जज पत्नी, बच्चे और परिवार घाट पर बैठ मिलने की राह देख रहे थे। लगातार तलाश के बावजदू शव नहीं मिलने पर उनकी उम्मीदें टूट रही थीं। आदित्यवर्धन सिंह 31 अगस्त को अपने दोस्तों के साथ बिल्हौर क्षेत्र में गंगा स्नान करने के लिए आए। इसी दौरान अचानक उनका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चले गए।
वाराणसी में पोस्टेड थे आदित्यवर्धन
आदित्यवर्धन सिंह हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर थे। वाराणसी में पोस्टेड थे। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में जज हैं। आदित्यवर्धन उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र के गांव कबीरपुर के रहने वाले थे। उनका पूरा परिवार लखनऊ के 16/1435 इंदिरानगर में रहता है। रविवार रात आदित्यवर्धन का शव नानामऊ घाट से 40 किलोमीटर दूर कानपुर के गंगा बैराज गेट नंबर-1 पर फंसा मिला। नवाबगंज थाना पुलिस ने शव मिलने की सूचना बिल्हौर पुलिस को दी। इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। उन्होंने शव की शिनाख्त की।
45 किमी गंगा में तलाश की गई
शव पोस्टमॉर्टम के लिए नवाबगंज भेजा गया है। शव को गांव लाया जाएगा। हादसे के बाद आदित्यवर्धन की तलाश के लिए NDRF, SDRF और पीएसी के जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। करीब 45 किमी गंगा में उनकी तलाश की गई। ड्रोन से भी इलाके को खंगाला गया। हालांकि, 7 दिन तक सर्च ऑपरेशन के दौरान उनका शव नहीं मिला था। इसके बाद गंगा में सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया था। हर घाट पर तीन-तीन पुलिसकर्मी के साथ एक दरोगा को तैनात किया गया था। (इनपुट- नवीन सिंह)
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